हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के शहीद पवन कुमार का पार्थिव शरीर गुरुवार को तिरंगे में लिपटकर उनके पैतृक गांव पिथवी पहुंचा।
बीते सोमवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकी मुठभेड़ में शहीद गए थे। शहादत के दो दिन बाद उनकी पार्थिव देह घर पहुंची, तो वहां अश्रुओं की अविरल बहती धारा बहने लगी। पवन कुमार का पार्थिव शरीर पूरे सैन्य सम्मान के साथ सेना के जवान जब घर लेकर पहुंचे तो मां व पिता की वेदना से पत्थर दिल भी पिघल गए। रामपुर से पैतृक गांव लाते समय हर जगह इस वीर सपूत के आगे सिर झुक गए और सैकड़ों लोगों ने पवन कुमार की शहादत को नमन किया।
बता दें कि सोमवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में पवन कुमार को गोली लगी। जहां से उसे सैन्य अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। पवन के शहीद होने की खबर से रामपुर क्षेत्र शोक में डूबा है। 26 वर्षीय पवन कुमार दंगल 55वीं राष्ट्रीय राइफल ग्रेनेडियर में बतौर सिपाही तैनात था। वह 2015 में सेना में भर्ती हुआ था। पवन घर का इकलौता चिराग था। पिता शिशुपाल लोक निर्माण विभाग में कार्यरत हैं। जबकि माता भजन दासी गृहिणी हैं। बहन प्रतिभा की शादी हो चुकी है।
पवन के शहीद होने से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। जनवरी में पवन के चचेरे भाई की मौत हो गई थी। इस दौरान वह छुट्टी पर घर आया था। 7 फरवरी को ही पवन ड्यूटी के लिए वापस लौटा था। इस दौरान उसने जल्द छुट्टी पर आने की बात कही थी, लेकिन उसे क्या पता था कि अब वह कभी घर वापस नहीं लौटेगा।