निर्धारित तिथि को रसोई गैस की आपूर्ति न होने से मशोबरा ब्लाॅक की पीरन पंचायत के अनेक परिवारों को लकड़ी का चूल्हा जलाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। बता दें कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा पीरन पंचायत को हिल्ल टाॅप इनडेन ग्रामीण वितरक एजेंसी कोटी के अंतर्गत रखा गया है। विभाग द्वारा हर माह की 20 तारीख को पीरन में रसोई गैस वितरण का दिन तय किया गया है।
गौर रहे कि 20 मई को पीरन वितरण केंद्र पर सिलेंडर की गाड़ी नहीं पहुंची। जिस कारण पीरन क्षेत्र के लोग खेतों का कार्य छोड़कर सिलेंडर भरवाने के लिए सारा दिन गाड़ी का इंतजार करते रहे। हैरत का विषय है कि गाड़ी न आने की सूचना किसी भी उपभोक्ता को दूरभाष पर नहीं दी गई। अचानक 23 मई को एजेंसी द्वारा पीरन के लिए गाड़ी भेजी गई जिसकी सूचना अनेक बुकिंग करने वाले उपभोक्ताओं को नहीं दी गई। जिसके चलते एक माह से सिलेंडर भरवाने का इंतजार करने वाले उपभोक्ताओं को घर निराश लौटना पड़ा। हालांकि सभी उपभोक्तओं ने 17 व 18 मई को ऑनलाइन बुकिंग की थी। इसके बावजूद भी गैस एजेंसी कोटी द्वारा उपभोक्ताओं को सूचना देना उचित नहीं समझा।
बता दें कि इस वितरण केंद्र के अंतर्गत पीरन, नालटा, देवठी बटोला, नट, बागड़िया इत्यादि गावं व उप गांव आते हैं । पीरन गांव को छोड़कर अन्य गांव के लोगों को करीब 3-4 किलोमीटर से पीठ पर सिलेंडर उठाकर वितरण केंद्र पर लाना पड़ना है। गैस न मिलने पर लोगों की परेशानी तब बढ़ जाती है जब लोगों को पुनः अगली 20 तारीख तक इंतजार करना पड़ता है। बीते वर्ष इस पंचायत के ट्रहाई गांव के लोगों को भी कई बार इस प्रकार की दिक्कतें पेश आई। उस दौरान ट्रहाई गांव लोगों ने डीएफएससी से शिकायत की थी।
पंचायत के लोगों का आरोप है कि गैस एजेंसी से सिलेंडर वितरण करने की तारीख तो तय की गई है परंतु समय नहीं। पूरा दिन घर का कार्य छोड़कर सड़कों में बैठे रहते हैं। क्षेत्र के लोगों ने सरकार से मांग है कि जिन लोगों को रसोई नहीं मिल पाई उनके लिए दुबारा गाड़ी भेजी जाए। इनका कहना है कि रसोई गैस की बुकिंग ऑनलाइन की जाती है। इसके बावजूद भी गैस एजेंसी कोटी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को समय पर रसोई गैस उपलब्ध करवाने में विफल हो रही है।
दूसरी ओर गैस एजेंसी कोटी के मालिक मदन वर्मा का कहना है कि एलपीजी की आपूर्ति में कमी होने के कारण 20 तारीख को गाड़ी नहीं भेज सके। 23 तारीख की सूचना पंचायत को दी गई थी।