स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की रैंकिंग 65 वें स्थान से लुढ़ककर 102 वें पायदान पर पहुंच गई है। नगर निगम शिमला के पूर्व उपमहापौर टिकेंद्र पंवर ने इस रैंकिंग पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इस रैंकिंग को ही फ्रॉड बताया है। वन्ही उन्होंने भाजपा शाषित नगर निगम को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने सफाई व्यवस्था के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी पिछड़ने की बात कही है। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि नगर निगम शहर के लोगों को बिजली कूड़े, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं देने में भी असफल रही है।
नगर निगम के पूर्व उपमहापौर टिकेंद्र पंवर ने इस रैंकिंग की प्रक्रिया को ही फ्रॉड करार दिया है। हर शहर की भौगोलिक परिस्थितियां भिन्न होती है। वन्ही उन्होंने कहा कि शहर की रैंकिंग अवश्य गिरी है नगर निगम कार्य को सही तरीके से नहीं कर पा रहा। निगम घरों से उठा रहे कूड़े को भी सही तरीके से डंप नही कर रहा है। लोगों को जिस तरह की सुविधाएं मिलनी चाहिए थी वैसी नही मिल पा रही है। नगर निगम टाउन हॉल को लेकर ही फैसला नही कर पा रहा है यह समझ नही आ रहा है कि निगम को मंत्री चला रहे है या मेयर। उन्होंने कहा कि लोगों को निगम की कार्यप्रणाली में विश्वास नही रहा है।
टिकेंद्र ने कहा कि कड़ी मशक्त के बाद शिमला स्मार्ट सिटी में आया लेकिन निगम शहर को स्मार्ट बनाने में असफल रहा। स्मार्ट सिटी में शहर का कायाकल्प होना था लेकिन निगम डंगे लगाने के अलावा कुछ नही कर पा रहा। उन्होंने कहा कि निगम, सरकार एक दल होने के स्मार्ट सिटी पर काम नही हो पाया जो कि शर्मनाक है।