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Shiv ji Ki Aarti Lyrics in Hindi: सप्ताह का हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित होता है। सनातन धर्म परंपरा के आदिपंचदेवों में श्रीगणेश,माता भगवती,विष्णु, शिव और सूर्य को प्रमुख स्थान दिया गया है। मान्यता है कि इनमें से किसी की भी पूजा करने से व्यक्ति मोक्ष प्राप्त कर सकता है। इन सभी की पूजा बहुत ही सरल और साधारण है। सोमवार का दिन भगवान शिव का होता है। भगवान भोलेनाथ अलौकिक शक्ति हैं। उनकी आरधना मात्र से ही मनुष्य के सभी दुखों का नाश होता है। सोमवार के दिन भगवान भोलेनाथ की आरती और मंत्र जाप से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यहां पढ़ें भगवान भोलेनाथ की आरती, मंत्र और इस दिन से जुड़े उपाय।
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भगवान शिव की आरती
जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
ऊँ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥
ऊँ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥
ऊँ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥
ऊँ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ऊँ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥
ऊँ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥
ऊँ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥
ऊँ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥
ऊँ जय शिव…॥
जय शिव ओंकारा हर ऊँ शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ऊँ जय शिव ओंकारा…॥
जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥
ऊँ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥
ऊँ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥
ऊँ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥
ऊँ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ऊँ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥
ऊँ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥
ऊँ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥
ऊँ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥
ऊँ जय शिव…॥
जय शिव ओंकारा हर ऊँ शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ऊँ जय शिव ओंकारा…॥
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आरती से पूर्व करें इन मंत्रों का जाप
अगर आप भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आरती से पहले इन मंत्रों का जाप भी जरूर करना चाहिए।
अगर आप भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आरती से पहले इन मंत्रों का जाप भी जरूर करना चाहिए।
- ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टि वर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
- ॐ अघोराय नम:,
- ॐ शर्वाय नम:,
- ॐ त्र्यम्बकाय नम:,
- ॐ कपर्दिने नम:,
- ॐ भैरवाय नम:,
- ॐ शूलपाणये नम:,
- ॐ महेश्वराय नम:
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पूजा विधि
- सोमवार के दिन शिव भक्तों को सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- अब भगवान शिव और पार्वती को स्मरण करके व्रत का संकल्प लें।
- अब शिवजी को जल और बेलपत्र चढ़ाएं और भगवान शिव के साथ संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करें।
- पूजा करने के बाद कथा सुनें
- फिर आरती करने के बाद घर के सदस्यों में प्रसाद बांटें।
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शिव आरती का महत्व
भगवान भोलेनाथ त्रिदेवों में से एक देव हैं। वेदों में इन्हें रुद्र के नाम से भी जाना जाता है। सोमवार के दिन जो भक्त भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ आराधना करता है वह सबी कष्टों से मुक्ति पाता है। शिवजी की उपासना करने से घर में माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। आर्थिक समस्याओं से भी शिव के भक्तों को छुटकारा मिलता है। जो भक्त सच्चे मन से भोलेनाथ की आरती करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
भगवान भोलेनाथ त्रिदेवों में से एक देव हैं। वेदों में इन्हें रुद्र के नाम से भी जाना जाता है। सोमवार के दिन जो भक्त भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ आराधना करता है वह सबी कष्टों से मुक्ति पाता है। शिवजी की उपासना करने से घर में माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है। आर्थिक समस्याओं से भी शिव के भक्तों को छुटकारा मिलता है। जो भक्त सच्चे मन से भोलेनाथ की आरती करता है उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है।