Mahashivratri 2023 Upay : महाशिवरात्रि का पर्व इस साल 18 फरवरी को मनाया जाएगा। वैसे तो भोलेनाथ जल्द ही अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन, शिवपुराण में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं अगल आप उन्हें शिवरात्रि के दिन कर लेते हैं तो आप पर महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की महाकृपा होगी और आपको धन धान्य की कोई कमी नहीं रहेगी।
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शिव पुराण में शिव भक्ति के तरीके
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शिव पुराण में महाकाल की पूजा और प्राकट्य के समय हनुमानजी श्रीकर नामक शिव भक्त के पास आकर बताते हैं कि शिव भक्ति से बढ़कर संसार में कुछ भी कल्याण प्रदान करने वाला नहीं है। जो शिवजी का भक्त होता है और बिना विधि विधान के भी शिव की भक्ति करता है वह संसार के सुख पा जाता है औऱ जो विधि पूर्वक शिव की भक्ति करता है उसकी तो बात ही क्या है। और इसी क्रम में हनुमानजी श्रीकर को शिव भक्ति के तरीकों के बारे में बताते हैं। शिव पुराण में शिव भक्ति के कई तरीके और उपाय बताए गए हैं आइए जानते है शिव पुराण के उन्हीं उपायों को जिनसे आप जल्दी धन संपन्न और खुशहाल हो सकते हैं।
महाशिवरात्रि पर शिव पूजा का लाभ
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वैसे तो भगवान भोलेनाथ की पूजा हर दिन और हर समय किया जाना मंगलकारी और लाभदायक कहा गया है। लेकिन शिवपुराण में बताया गया है कि जो शिव भक्त शिव रात्रि और महाशिवरात्रि पर व्रत रखता और भगवान भोलेनाथ की भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना करता है। वह भक्त पूरे साल भगवान शिव की पूजा का फल उस एक दिन में पा जाता है। इसलिए शिव कृपा की इच्छा रखने वाले शिव भक्तों को शिवरात्रि के दिन व्रत अथवा फलाहार रखकर भगवान भोलेनाथ का व्रत करना चाहिए और रात्रि काल में विशेष रूप से शिवजी की पूजा अर्चना करनी चाहिए। शिवरात्रि की पूजा में रात्रि काल की पूजा विशेष फलदायी होती है। इसकी वजह यह है कि शिवरात्रि के दिन ही भगवान भोलेनाथ का अग्नि स्तंभ लिंग पृ्थ्वी पर पहली बार प्रकट हुआ था। और इसी समय से भगवान शिव की पूजा लिंग रूप में आरंभ हुई थी।
शिव मंत्र और जप की संख्या
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शिव पुराण में बताया गया है कि जो शिव भक्त पंचाक्षरी मंत्र नमः शिवाय का 5 करोड़ बार जप कर लेता है वह शिव के समान हो जाता है यानी उन पर शिवजी की विशेष कृपा हो जाती है और वह शिवलोक में स्थान पाता है। शिव पुराण में बताया गया है कि शिवजी के पंचाक्षरी मंत्र का एक करोड़, दो करोड़ और चार करोड़ जप पूरा करने लेने वाले भक्त पर भी ब्रह्म, विष्णु और रुद्र की कृपा हो जाती है। ऐसे शिव भक्त स्वयं अपने लिए धरती के तमाम सुख पा लेते हैं और इनके दर्शन करने वाले दूसरे मनुष्य भी ऐसे शिव भक्तों के दर्शन के पुण्य से लाभ पाते हैं।
भगवान शिव की पूजा से आयु और धन का लाभ
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शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव की पूजा में 6 चीजों का ध्यान रखना चाहिए। इनसे आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। शिवजी का अभिषेक करने से मनुष्य की आत्मशुद्धि होती है। गंध चंदन लेपन से पुण्य की प्राप्ति होती है। नैवेद्य अर्पित करने से संतुष्टि और आयु की वृद्धि होती है। शिवजी को धूप दिखाने से धन की प्राप्ति होती है। भोलेनाथ को दीप दिखाने से ज्ञान की प्राप्ति होती है। पान यानी तांबूल अर्पित करने से तमाम सांसारिक भोग की प्राप्ति होती है।
भगवान शिव की पूजा के नियम
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शिव पुराण में बताया गया है कि शिव भक्ति में साधकों को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। पूजा के समय शिवलिंग के दक्षिण दिशा में उत्तराभिमुख होकर शिवजी की पूजा करनी चाहिए। पूजा करने से पहले साधक को माथे पर त्रिपुंड चंदन लगना चाहिए। शिवजी की पूजा में बिल्वपत्र का बड़ा ही महत्व है। इसलिए शिवजी की पूजा के लिए बिल्वपत्र भी जरूर रखें। जो साधक मिट्टी के शिवलिंग बनाकर नियमित शिवजी की पूजा करते हैं वह शिव के प्रिय होते हैं और भगवान शिव इनके समस्त दुखों को हर लेते हैं।
महाशिवरात्रि पर ऐसे करें शिवजी का अभिषेक
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शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव का अभिषेक शक्कर और गन्ने से करने से करने से भगवान भोलेनाथ भक्तों की भौतिक कामनाएं पूरी कर देते हैं। ऐसे शिव भक्तों को भगवान शिव रोग और दुख से निकालकर धन-धान्य प्रदान करते हैं। साल के प्रत्येक मासिक शिवरात्रि और महाशिवरात्रि पर जो भक्त भोलेनाथ की शक्कर और गन्ने के रस से अभिषेक करते हैं वह शिवजी के बड़े ही प्रिय होते हैं। इसलिए धन की कामना रखने वाले को इन दोनों चीजों से भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए।