महाराष्ट्र में सियासी घमासान लगातार जारी है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सीएम बने रहने को लेकर सस्पेंस बरकार है. इस बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा है कि अब जो भी फैसला लिया जाएगा वो सारे विधायक मिल कर लेंगे. शिंदे ने शिवसेना के नेता सुनील प्रभु पर भी करारा हमला किया. न्यूज 18 से खास बातचीत में शिंदे ने कहा कि उन्हें व्हिप जारी करने का कोई अधिकार नहीं है. बता दें कि शिवसेना के सभी 37 बागी विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने ऐलान किया है कि एकनाथ शिंदे सदन में उनके नेता रहेंगे.
न्यूज 18 ने जब शिंदे से पूछा कि अगर महाविकास अघाड़ी उन्हें सीएम या डिप्टी सीएम बनने का ऑफर दें तो वो क्या करेंगे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं अकेला कोई फैसला नहीं ले सकता. हम काफी आगे निकल चुके है. अब हमारे साथ मौजूद विधायक मिल कर सारे फैसले लेंगे.’
‘डरने की कोई ज़रूरत नहीं’
शिंदे ने सुनील प्रभु की चिट्ठी पर कहा कि उन्हें 37 विधायकों को सस्पेंड करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा, ‘वो सस्पेंड नहीं कर सकते. सुनील प्रभु ने जो लेटर दिया है उनको ऐसा कोई अधिकार नहीं हैं. ऐसी कोई पीटिशन फाइल नहीं कर सकते. ये बस डराने की बात है. डेमोक्रेसी में नियम-कानून हैं, डरने की आवश्यकता नहीं है. पहली बात तो उनको व्हिप निकालने का अधिकार ही नहीं है और डिसक्वालीफिकेशन का तो बिल्कुल अधिकार नहीं है.’
‘अब नहीं रही महाविकास अघाड़ी की सरकार’
शिंदे के मुताबिक महाराष्ट्र में अब महाविकास अघाड़ी की सरकार नहीं रही. उन्होंने कहा, ‘यहां 37 शिवसेना के सिंबल पर चुनकर आए विधायक हमारे साथ हैं. मिजॉरिटी है हमारे पास. ये सारे खुद की मर्जी से आए हैं. इन सबने एफिडएविट दिया है सबने. सरकार माइनोरिटी में है. बस ऐसा बोल कर खुद का मॉरल बूस्ट करने की कोशिश है बस. पूरा देश जानता है महा विकास अघाड़ी सरकार अब नहीं रही.’
क्या BJP के साथ शिंदे बनाएंगे सरकार?
ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के सारे बागी विधायक बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं. लेकिन शिंदे ने इन अटकलों को खारिज किया. उन्होंने कहा, ‘ऐसा कोई फैसला हमने नहीं लिया है. बालासाहेब के हिंदुत्व के एजेंडे को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं. आगे हमारी बैठक होगी, हमें बड़े पैमाने पर समर्थन मिल रहा है.
महा विकास अघाड़ी ने शिवसेना का किया नुकसान
एकनाथ शिंदे ने उद्धव के वर्षा से मातोश्री जाने के फैसला पर कहा कि ये उनका निजी फैसला है. उन्होंने आगे कहा, ‘बालासाहेब का हिंदुत्व किसी अन्य धर्म का अपमान करना नहीं था, लेकिन महा विकास अघाड़ी सरकार ने शिवसेना को काफी नुकसान पहुंचाया है.’