सोशल मीडिया के प्रचार और क्राइम ब्रांच पंचकूला के अधिकारियों की मेहनत ने 6 वर्ष पहले अपने परिवार से बिछड़े शिवम को उसके परिवार से मिलाने में कामयाबी हासिल कर ली है | अपने परिवार से मिल कर 18 वर्षीय शिवम बेहद खुश नज़र आया और उन अधिकारियों के चेहरों पर भी संतुष्टि की मुस्कान देखी गई जिन्होंने शिवम को उसके परिवार से मिलाने में दिन रात एक कर दिया था | शिवम के पिता लक्ष्मण कोटखाई के रहने वाले है लेकिन जैसे ही उन्हें अपने बेटे के मिलने की खबर लगी वह अपने बेटे को लेने के लिए सोलन पहुंच गए | जहाँ एएसआई राजेश कुमार ने शिवम को उसके परिवार के हवाले कर दिया | आप को बता दें कि 6 वर्ष पहले 12 वर्षीय शिवम जो कोटखाई का रहने वाला है वह अपने पिता और माता को बिना बताए ट्रक में बैठ कर हरियाणा आ गया | शिवम क्योंकि कि बेहद छोटा था और देहात का रहने वाला था उसे अपने घर का पता मालूम नहीं था | उसे केवल इतना पता था कि वह नेपाल का है और उसके पिता का नाम लक्ष्मण और बहन का नाम गीता है | क्राइम ब्रांच पंचकूला ने बच्चे की फोटो और परिजनों का नाम सोशल मीडिया पर अपलोड किया | उनके परिवार के सदस्यों तक वह वीडियों पहुंची और अधिकारियों से सम्पर्क साधा | एएसआई राजेश ने छानबीन करने के बाद आज शिवम को उसके पिता के हवाले कर दिया |
शिवम के पिता लक्ष्मण ने कहा कि वह काफी वर्षों तक शिवम की तलाश करते रहे लेकिन कामयाब नहीं हो सके इस लिए वह शिवम से मिलने की सभी उम्मीदें छोड़ चुके थे | लेकिन जैसे ही शिवम के मिलने की खबर उन्हें लगी हैवह बेहद खुश है | वह एएसआई राजेश कुमार का धन्यवाद करते है |
वहीँ शिवम के जीजा ने भी कहा कि वह अपने साले शिवम से पहली बार मिल रहे है | जैसी ख़ुशी उनके पिता को हो रही है वही ख़ुशी अपने साले से मिल कर उन्हें भी हो रही है | उन्होंने कहा कि उनके ससुर शिवम से मिल कर बेहद खुश है |
एएसआई राजेश कुमार जो करीबन देश के लापता 500 बच्चों को परिजनों से मिलवा चुके है उन्होंने सोलन में शिवम को उनके पिता से मिलवाया और कहा कि उनका एक मात्र लक्ष्य है लापता बच्चों को उनके परिवार से मिलाना | जिसमे वह लगातार कामयाब भी हो रहे हैं | उन्होंने कहा कि शिवम को आश्रम में रखा गया था | जहाँ उसकी शिक्षा चल रही थे | वह दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुका है | आज वह अपने परिवार से मिल कर बेहद खुश है |