माधव नेशनल पार्क के पास स्थित ग्राम अर्जुनगंवा की शासकीय भूमि में स्वीकृत की गई फर्शी पत्थर की खदान में खनन पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया। जिसे नजरअंदाज करते हुए माइनिंग विभाग ने बिना किसी निर्णय के खदान के संचालन की स्वीकृति दे दी।
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शिवपुरी जिले में राजनैतिक हस्तियों के सपोर्ट के चलते खनन माफिया के हौसले बुलंद हैं। यही वजह है कि कोर्ट के स्टे के बावजूद अफसरों ने फर्शी पत्थरों के खनन की मंजूरी माफिया को दे दी है।
दरअसल माधव नेशनल पार्क के पास स्थित ग्राम अर्जुनगंवा की शासकीय भूमि में स्वीकृत की गई फर्शी पत्थर की खदान में खनन पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया। जिसे नजरअंदाज करते हुए माइनिंग विभाग ने बिना किसी निर्णय के खदान के संचालन की स्वीकृति दे दी। जिसके चलते याचिकाकर्ता ने कोर्ट ऑफ कंटेप्ट लगा दिया, जिसमें अगली तारीख छह सप्ताह बाद तय की गई। माधव नेशनल पार्क के पास स्थित ग्राम अर्जुनगंवा में शासकीय भूमि खसरा नंबर 1/3 में भाटो आदिवासी पत्नी रामजीलाल आदिवासी को 1.340 हेक्टेयर का फर्शी पत्थर की खदान दी गई है। नियमानुसार खदान स्वीकृति में फर्म को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा न होने पर एक स्टोन फर्म ने न्यायालय की शरण ली।
जानकारी के अनुसार खदान भाटो आदिवासी के नाम से है, लेकिन उसके पीछे शहर का एक रसद माफिया का हाथ है। बताया जा रहा है कि माफिया के भाई की नेताओं से अच्छी जान पहचान है, जिसके चलते शासन से आदेश जारी कराने में परेशानी नहीं हुई।
कोर्ट में लंबित है मामला
जानकारी के अनुसार अर्जुनगंवा फर्शी पत्थर खदान की लीज 11 नवंबर 2021 को शासन ने स्वीकृत की थी। यह फर्शी पत्थर खदान 24.05.2022 से 23.05.2032 तक के लिए भाटो आदिवासी को लीज दी गई है। चूंकि नियमानुसार लीज फर्म को दी जानी चाहिए थी, लेकिन शासन स्तर पर सांठगांठ करके नियम विरुद्ध खदान की लीज भाटो आदिवासी को दिए जाने की वजह से लावान्या स्टोन फर्म हाईकोर्ट की शरण में चली गई। हाईकोर्ट से पूरे मामले में स्टे दे दिया गया, लेकिन शिवपुरी के जिला प्रशासन के अधिकारियों ने यहां पर स्टे होने के बाद भी खनन की स्वीकृति दे दी। अर्जुनगंवा की जिस फर्शी पत्थर खदान पर न्यायालय का स्टे था, उसे चालू करने का आदेश कलेक्टर खनिज शाखा शिवपुरी ने 7 जून 2022 को जारी कर दिया। जिसमें उल्लेख किया है कि भाटो पत्नी रामजीलाल आदिवासी निवासी बलारपुर को ग्राम अर्जुनगंवा तहसील शिवपुरी में भूमि सर्वे नंबर 1/3 रकवा 01.34 हेक्टेयर क्षेत्र पर फर्शी पत्थर खनिज का उत्खनिपट्टा 10 वर्ष की अवधि के लिए दिया जाता है।
नियम विरुद्ध फर्शी पत्थर खदान की लीज दिए जाने पर लावान्या स्टोन फर्म ने जब हाईकोर्ट की शरण ली तो न्यायालय ने खदान पर 30 मई 2022 को स्टे दे दिया था। लेकिन जिस तरह नियमविरुद्ध लीज स्वीकृत करवाई गई, उसी तरह खदान के संचालन का एक आदेश भी भोपाल से जारी करवा दिया गया। न्यायालय स्टे के बीच में ही खदान पर काम करने की अनुमति दिए जाने के विरुद्ध पिटीशनर फिर हाईकोर्ट पहुंचा, जहां से 20 जून 2022 को कंटेप्ट ऑफ कोर्ट का नोटिस जारी हुआ। जिसमें जिला खनिज अधिकारी व कलेक्टर शिवपुरी को हाईकोर्ट ने छह सप्ताह बाद न्यायालय ने तलब किया है।