हवाई यात्रियों को झटका! एयरलाइंस के अधिकारी बोले- हर महीने 600 रुपये तक बढ़ेंगे टिकट के दाम अगर

नई दिल्‍ली. हवाई यात्रियों के लिए यह बुरी खबर है. पहले ही आसमान पर पहुंच चुके हवाई टिकट के दाम अभी और उड़ान भरेंगे. घरेलू एयरलाइंस के अधिकारियों ने एटीएफ की बढ़ती कीमतों की वजह से टिकट के दाम और बढ़ाने की बात कही है.

मनीकंट्रोल से एयरलाइंस अधिकारियों ने बताया कि अगर एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की कीमतों में ऐसे ही वृद्धि होती रही तो हवाई टिकट के दाम भी हर महीने 2-4 फीसदी बढ़ाने पड़ेंगे. उन्‍होंने कहा कि हम एकसाथ टिकट के दाम नहीं बढ़ा सकते हैं, लेकिन जेट फ्यूल के रेट ऐसे ही बढ़ते रहे तो हर महीने टिकट के मूल्‍य में 300-600 रुपये की बढ़ोतरी होती रहेगी.

साल 2022 में ही जेट फ्यूल के दाम 11 बार बढ़ाए जा चुके हैं.

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पहले ही 30 फीसदी महंगे हो चुके हैं टिकट
सस्‍ती विमान सेवा उपलब्‍ध कराने वाली कंपनी गोफर्स्‍ट के वरिष्‍ठ अधिकारी ने कहा, घरेलू हवाई टिकट के दाम पिछले साल के मुकाबले पहले ही 30 फीसदी बढ़ चुके हैं. जैसे-जैसे जेट फ्यूल के दाम बढ़ेंगे इसकी कीमतों में भी उछाल आता जाएगा. हमारे विमान संचालन की कुल लागत में अकेले ईंधन की हिस्‍सेदारी 40 फीसदी होती है. लिहाजा न चाहते हुए भी हमें एटीएफ के दाम बढ़ने पर टिकट का मूल्‍य भी बढ़ाना पड़ता है.

स्‍पाइसजेट बोली-10 से 15 फीसदी किराया बढ़ाने की जरूरत
बजट एयरलाइन स्‍पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह ने हवाई टिकट बढ़ने का सबसे बड़ा कारण जेट फ्यूल की कीमतें बढ़ना और रुपये के मूल्‍य में गिरावट आना बताया है. उन्‍होंने कहा कि इन दोनों कारणों की वजह से एयरलाइंस के पास तत्‍काल किराया बढ़ाने के अलावा अन्‍य कोई चारा नहीं है. जिस हिसाब से एटीएफ की कीमतों में उछाल आया है, हमें टिकट में कम से कम 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी करनी होगी, तभी लागत की भरपाई की जा सकेगी. यह स्थिति एयरलाइंस और यात्रियों दोनों के लिए ठीक नहीं है. लिहाजा केंद्र व राज्‍य सरकारों को इस पर ध्‍यान देना चाहिए.

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महामारी पूर्व स्‍तर से दोगुना हो गया किराया
भारत उन देशों की सूची में शामिल हैं, जहां जेट फ्यूल पर सबसे ज्‍यादा टैक्‍स वसूला जाता है. इंडस्‍ट्री का कहना है कि अगर किराये में अचानक तेज वृद्धि कर दी गई तो सेक्‍टर के सुधार पर असर पड़ेगा जो महामारी के दबाव से पहले ही काफी नुकसान झेल चुका है. इतना ही नहीं महामारी पूर्व स्‍तर से किराया भी दोगुना तक बढ़ चुका है.

अगर दिल्‍ली-मुंबई रूट की बात करें तो वर्तमान में इसका औसत किराया 4,700 से Rs 5,500 रुपये है. जून, 2019 में इस रूट पर एक तरफ का किराया 2,300-2,500 रुपये और जून, 2021 में 3,500- 3,800 रुपये रहा था.

किराया बढ़ा तो घटने लगे यात्री
एयरलाइंस के अधिकारी ने बताया कि किराया बढ़ने का असर हमारे कारोबार पर भी दिखने लगा है और यात्रियों की संख्‍या लगातार घटती जा रही. अप्रैल में जहां रोजाना औसतन 4 लाख लोग हवाई यात्रा कर रहे थे, वहीं जून में यह संख्‍या घटकर 3.5 लाख रह गई है. ऑनलाइन ट्रेवल एजेंसी के रूप में काम करने वाली कंपनी यात्रा डॉट कॉम का कहना है कि महज दो महीने के भीतर हमने हवाई टिकट के दाम 30-40 फीसदी बढ़ते देखे हैं.

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कम दूरी की यात्रा पर सबसे ज्‍यादा बढ़ेंगे रेट
बाजार विश्‍लेषकों का कहना है कि किराये में वृद्धि का सबसे पहले असर क्षेत्रीय रूटों पर होगा. एयरलाइंस टीयर-1 रूट पर अगले दो महीनों में किराया 5 से 10 फीसदी बढ़ा सकती है, जबकि कम दूरी वाले क्षेत्रीय रूटों पर किराये में 20-25 फीसदी की वृद्धि देखी जा सकती है.

डेढ़ साल में तीन गुने से ज्‍यादा बढ़े एटीएफ के दाम
अगर जेट फ्यूल की कीमतों में हुई वृद्धि की बात करें तो महज डेढ़ साल के भीतर इसके दाम तीन गुने से भी ज्‍यादा बढ़ चुके हैं. दिल्‍ली में जनवरी, 2021 में एटीएफ का मूल्‍य 40,783 रुपये प्रति किलोलीटर था, जो जून, 2022 में बढ़कर 1,41,232.87 रुपये प्रति किलोलीटर हो गया है. तेल कंपनियां हर 15 दिन में एटीएफ की कीमतों को रिवाइज करती हैं. पिछले 14 जून को इसकी कीमतों में 16.3 फीसदी की बड़ी बढ़ोतरी की गई थी.