सैलानियों को झटका, हिमाचल के कुल्लू में 300 रुपये महंगी हुई पैराग्लाइडिंग की एक उड़ान

कुल्लू जिले में पैराग्लाइडिंग के लिए पर्यटकों को जेब अब और ढीली करनी पड़ेगी। यह फैसला मंगलवार को एयरो स्पोर्ट्स एवं रिवर राफ्टिंग नियमन समिति की बैठक में लिया गया है। 

सोलंगनाला में पैराग्लाइडिंग।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में पैराग्लाइडिंग के लिए पर्यटकों को जेब अब और ढीली करनी पड़ेगी। पैराग्लाइडिंग की एक उड़ान के लिए अब 3,200 के बजाय 3,500 रुपये चुकाने पड़ेंगे। रिवर राफ्टिंग के लिए भी प्रति किलोमीटर 150 से 200 रुपये बढ़ाए गए हैं। यह फैसला मंगलवार को एयरो स्पोर्ट्स एवं रिवर राफ्टिंग नियमन समिति की बैठक में लिया गया है।  बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि रिवर राफ्टिंग की दरों में भी किलोमीटर के हिसाब से बढ़ोतरी की गई है।

उपायुक्त ने कहा कि सैलानियों से ओवर चार्जिंग लेने की शिकायतें भी आई हैं। पर्यटकों से धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रिवर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग के सभी स्थलों की अलग-अलग एसोसिएशनों का गठन किया जाए। सोलंग वैली की तर्ज पर पंजीकरण एक ही जगह पर हो और वहीं से राफ्ट मिलनी चाहिए। साइटों पर पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग की दरों को बोर्डों पर प्रदर्शित करना होगा। इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह का समय दिया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 के बाद दरें बढ़ाई गई हैं।

शौचालय और चेंजिंग रूम की होगी व्यवस्था
पैराग्लाइडिंग स्थलों पर शौचालय व चेंजिंग रूम की सुविधा भी होगी। वन विभाग इस सुविधा का सृजन करेगा और इसके लिए पर्यटन विभाग के माध्यम से एसोसिएशन द्वारा आंशिक धनराशि हर महीने दी जाएगी। बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति साहसिक गतिविधियों को नहीं करवा सकेगा। नियमन समिति इन स्थलों का समय-समय पर औचक निरीक्षण करेगी।