मुंबई में एक तटीय प्रबंधन निकाय ने तटीय नियामक क्षेत्र (सीआरजेड) मानदंडों के कथित उल्लंघन के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को, उनके जुहू इलाके में स्थित बंगले को लेकर ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. इससे पहले, नगर निकाय ने कथित रूप से अनधिकृत निर्माण के मामले में राणे के ‘अधीश’ बंगले को लेकर भी उनहें नोटिस जारी किया था. जिला स्तरीय तटीय प्रबंधन समिति द्वारा 24 मई को जारी हालिया नोटिस में ‘मेसर्स आर्टलाइन प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड’ को 10 जून को पूर्वाह्न 11 बजे जिलाधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत सुनवाई के लिए पेश होने को कहा गया है.
नोटिस में यह बताने को कहा गया है, ‘‘इस उक्त निर्माण को स्वीकृत एफएसआई (तल क्षेत्र सूचकांक) से अधिक और अनधिकृत निर्माण करके 11 जुलाई, 2007 के सीआरजेड एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) का उल्लंघन क्यों नहीं माना जाना चाहिए.’’ यह नोटिस महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (एमसीजेडएमए) के सचिव और पर्यावरण निदेशक से की गई शिकायत के आधार पर और सीआरजेड मानदंडों के कथित उल्लंघन के लिए जारी किया गया है. उल्लेखनीय है कि ‘आर्टलाइन प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड’ का एक अन्य कंपनी में विलय हो गया है, जिसमें राणे और उनके परिवार के शेयर हैं.
मुंबई उपनगर जिलाधिकारी और जिला स्तरीय तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (डीसीजेडएमए) की अध्यक्ष निधि चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘डीसीजेडएमए ने एमसीजेडएमए से मिली एक रिपोर्ट के आधार पर नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि उक्त बंगले को एफएसआई एक के लिए सीआरजेड अनुमति मिली है, लेकिन यह निर्माण उक्त अनुमति से अधिक है.’
नोटिस में कहा गया है, ‘‘यदि आप अनुपस्थित रहते हैं और कोई स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो समिति यह मान लेगी कि आपको इस मामले पर कुछ नहीं कहना है और वह इस मामले में उचित निर्णय लेने या कदम उठाने के लिए आगे बढ़ेगी.’’