Post Narco Test Interview Aftab Poonawalla: आफताब पूनावाला पर अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर (Shraddha Walker) की हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े करने का आरोप है। उसने शव के टुकड़ों को दक्षिण दिल्ली में महरौली के अपने घर में करीब 3 सप्ताह तक 300 लीटर के एक फ्रिज में रखा और फिर कई रातों तक उसे शहर के विभिन्न स्थानों पर जाकर फेंकता रहा। आफताब को 12 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था।
आफताब को ले जा रही वैन पर हो चुका है हमला
श्रद्धा केस के आरोपी आफताब पर जानलेवा हमले की कोशिश की जा चुकी है। दरअसल बीती सोमवार रात को पुलिस आफताब को पॉलिग्राफ टेस्ट के बाद तिहाड़ ले जा रही थी। अचानक वैन को नारेबाजी करते हुए कुछ लोगों ने रोक लिया। हाथों में तलवार लिए एक युवक बार-बारखुद को एक संगठन का कार्यकर्ता बता रहा था। वह चीख रहा था कि हमारी बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, तो हम जीकर क्या करेंगे। आफताब को 2 मिनट के लिए सौंप दो, हम उसे गोली मार देंगे। एक पुलिसकर्मी वैन के पीछे पहुंचा और पिस्टल निकालकर हमलावरों को रोकने की कोशिश की। अगर पुलिसकर्मी आगे न बढ़ता तो आफताब पर जानवलेवा हमला हो जाता।
आफताब का नार्को टेस्ट संपन्न, मिले कई सुराग
दिल्ली के महरौली इलाके में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाल्कर की निर्मम हत्या का आरोपी आफताब अमीन पूनावाला का नार्को टेस्ट गुरुवार को संपन्न हो गया। उन्होंने कहा कि परीक्षण सफल रहा और जांचकर्ताओं को कई सुराग मिले। उन्होंने बताया कि आफताब को नार्को टेस्ट के लिए सुबह करीब 8.30 बजे अंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जो सुबह करीब 10 बजे शुरू हुआ और दोपहर 12.30 बजे खत्म हुआ। रोहिणी स्थित फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) में उसका पॉलीग्राफ टेस्ट मंगलवार को खत्म हो गया था।
जानें क्या है मामला
एफएसएल के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट अब पूरा हो गया है और विस्तृत रिपोर्ट एक या दो दिन में दिल्ली पुलिस के साथ साझा की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि मामले में पॉलीग्राफ और नार्को परीक्षण अनिवार्य थे, क्योंकि आफताब पूछताछ के दौरान भ्रामक पूछताछकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था। श्रद्धा और आफताब की मुलाकात 2018 में डेटिंग ऐप ‘बंबल’ के जरिए हुई थी। वे 8 मई को दिल्ली आए थे और 15 मई को छतरपुर इलाके में शिफ्ट हो गए थे। 18 मई को, आफताब ने कथित तौर पर श्रद्धा की हत्या कर दी थी, उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया और उन्हें 18 दिनों की अवधि में विभिन्न स्थानों पर फेंक दिया था।