Shraddha Murder : शादी का प्रस्ताव लेकर आफताब के घर गए थे परिजन, पिता ने बताया ऐसा व्यवहार देख वह चौंक गए

श्रद्धा के पिता विकास वाकर

1 of 5

श्रद्धा मर्डर केस के मुख्य आरोपी आफताब पूनावाला की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। वहीं शुक्रवार यानी आज श्रद्धा के पिता विकास वाकर ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत की। विकास वाकर ने कहा कि श्रद्धा की मौत से हम बहुत दुखी हैं। बेटी की हत्या के कारण वो अंदर से टूट गये हैं। आरोपी आफताब पूनावाला के माता- पिता के लापता होने को लेकर विकास वाकर ने एक बड़ा खुलासा किया है।
श्रद्धा और हत्यारोपी आफताब

2 of 5

एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में श्रद्धा के पिता विकास ने वाकर बताया कि 2019 में आफताब और श्रद्धा की शादी का प्रस्ताव लेकर आफताब के परिवार से मिलने गए थे। लेकिन आफताब के परिवार ने इसे ठुकरा दिया। साथ ही शादी का प्रस्ताव रखने पर उनका अपमान किया और उन्हें घर से निकाल दिया। विकास वाकर ने बताया कि आफताब के परिवार का व्यवहार शुरु से अच्छा नहीं था।
मृतका श्रद्धा और हत्यारोपी आफताब

3 of 5

विकास वाकर ने बताया कि अगस्त 2019 में वह और उनकी पत्नी हर्षिला वाकर आफताब के परिवार से मिलने गए थे। उन्होंने प्रस्ताव दिया था कि आफताब को श्रद्धा से शादी करनी चाहिए क्योंकि वे पहले से ही एक-दूसरे से प्यार करते हैं। लेकिन परिजन शादी के लिए राजी नहीं हुए। इतना ही नहीं श्रद्धा के परिवार को आफताब के घरवालों ने बेइज्जत भी किया। आफताब के चचेरे भाई ने उन्हें घर छोड़ने के लिए कहा और भविष्य में फिर कभी घर में कदम नहीं रखने को कहा।
मृतका श्रद्धा वाकर और हत्यारोपी आफताब

4 of 5

श्रद्धा के पिता ने कहा कि आफताब के परिवार को कम से कम आपसी समझ से इस मसले का कोई हल तो निकालना चाहिए था क्योंकि लड़की और लड़का दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे। इसलिए यदि विवाह संभव न हो तो दूर रहने की सलाह दी जा सकती थी। लेकिन परिजन बात करने को भी तैयार नहीं थे।
मृतक श्रद्धा का फाइल फोटो और आरोपी आफताब

5 of 5

विकास वाकर ने कहा कि अगर आफताब के परिवार ने समझदारी दिखाई होती तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। उन्होंने कहा कि अगर मामले पर बात होती तो बात इस मुकाम तक नहीं पहुंचती, लेकिन कातिल आफताब के माता-पिता तो रिश्ते पर बात करने को भी तैयार नहीं थे। इसलिए आफताब और श्रद्धा मुंबई छोड़कर दिल्ली चले गए। उन्होंने कहा कि इस अपमानजनक अनुभव के छह महीने बाद श्रद्धा की मां की मृत्यु हो गई और उसके बाद श्रद्धा ने कभी परिवार से मिलने की कोशिश नहीं की।