Shreyas Talpade:’पुष्पा’ में आवाज देने के बाद श्रेयस तलपड़े की हुई चांदी, डबिंग के लिए मिल रहे ढेरों ऑफर्स

गोलमाल फ्रेंचाइजी में अपने अभिनय से सबको हंसाने वाले एक्टर श्रेयस तलपड़े को कौन नहीं जानता है। वह तो इस साल छाए रहे। उन्होंने अपनी आवाज से लोगों का दिल जीत लिया। अल्लू अर्जुन की आवाज बनकर उन्होंने पर्दे पर धमाल तो मचाया ही। उनके करियर में भी काफी धमाका हो रहा है।

shreyas talpade
श्रेयस तलपड़े।

बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े, जो अपनी अगली फिल्म सिंगल सलमा की शूटिंग कर रहे हैं, उनके लिए भी ये साल काफी धमाकेदार रहा। एक आवाज से उन्होंने चारों तरह अपनी छाप छोड़ दी। उन्होंने अल्लू अर्जुन को पुष्पा मूवी में अपनी ऐसी आवाज दी कि उनके पास अब डबिंग के लिए भतेरे ऑफर्स आने लगे। इस बारे में खुद एक्टर ने खुलासा किया है। बताया है कि पुष्पा के बाद उनकी लाइफ कितनी बदल गई है।
‘पुष्पा नाम है मेरा, मैं झुकेगा नहीं…’ और ‘फ्लावर नहीं फायर है मैं’ बोलकर बच्चे-बच्चे तक के दिलों में अपनी जगह बनाने वाले श्रेयस तलपड़े (Shreyas Talpade) बताते हैं, ‘मैं कॉमेडी रोल्स करने के लिए जाना जाता हूं। और मेरी कोई भी फिल्म उस जगह पर नहीं है। कोई नहीं जानता कि कौनसी पिक्चर आपको कहां ले जाए। मैं पुष्पा में नहीं दिखा लेकिन मुझे उसके लिए बहुत प्यार मिला। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे इस फिल्म का हिस्सा बनने के लिए मौका मिला। जब ये फिल्म ओटीटी पर स्ट्रीम होने लगी, उसने मुझे एक अभिनेता के रूप में देखे जाने के तरीके को बदलने में मदद की।’

श्रेयस तलपड़े को है अब इस मौके का इंतजार
श्रेयस तलपड़े 46 साल के हैं। वह बताते हैं कि पुष्पा के बाद ढेरों डबिंग के ऑफर्स मिल रहे हैं लेकिन वो सिर्फ सेलेक्टिव ही करना चाहते हैं। अगर मैं सबकुछ करने लगा तो कुछ एक्सक्लूजिव नहीं रहेगा। मैंने 2019 में द लायन किंग में आवाज दी थी। अब मैं पुष्पा 2 में इस मौके का इंतजार कर रहा हूं।

अल्लू अर्जुन के बारे में श्रेयस तलपड़े ने कही ये बात
श्रेयस कहते हैं, ‘अल्लू अर्जुन मेरे पसंदीदा कलाकारों में से एक हैं और इस तरह की फ्रेंचाइजी का हिस्सा बनने से मुझे बहुत फायदा हुआ है। उनकी एक्टिंग को सलाम है और निर्देशक सुकुमार को धन्यवाद है। मैंने मसाला एंटरटेनर बनाने के तरीके का अध्ययन किया है। फिल्म एक किताब की तरह है। पुष्पा से मैंने सीखा है कि यह सब ‘कोशिश करते रहने’ के बारे में है क्योंकि हम कभी नहीं जानते कि ज्वार क्या कर देता है और अगर हम हार मान लेते हैं तो बदलाव कभी नहीं होगा!’