राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बणी को डिनोटिफाई करना न्यायोचित नहीं है। स्कूल प्रदेश सरकार के तमाम मापदंडों को पूरा करता है। किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डॉ. कुलदीप तंवर ने जारी बयान में कहा कि सरकार के मापदंडों के अनुसार वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में 11वीं और 12वीं कक्षा में कम से कम 25 विद्यार्थी होना अनिवार्य है, जबकि इस पाठशाला में विद्यार्थियों की संख्या 28 है।
डॉ. तंवर का कहना है कि इस स्कूल में तीन पंचायतों बणी, ददास और मकड़ोल पंचायत के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं, इस पाठशाला को बंद करके बच्चों के साथ अन्याय हुआ है। डाॅ. तंवर का आरोप है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कें, बिजली, पानी इत्यादि मूलभूत मुहैया करवाना प्रत्येक सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी है।
हैरत है कि सरकार मूलभूल सुविधाएं देने की बजाए छीन रही है जोकि न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने बताया कि विशेषकर शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में कसुपंटी निर्वाचन क्षेत्र प्रदेश में सबसे पिछड़ा हुआ है। इस विधानसभा में कुल 24 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाएं कार्यरत जिनमें से केवल चार स्कूलों जुन्गा, मशोबरा, कोटी और बलदेंया में विज्ञान और काॅमर्स विषय पढ़ाए जाते हैं।
विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में यह सुविधा न होने से होनहार बच्चे गरीबी व अन्य कारणों के विज्ञान अथवा काॅमर्स विषय पढ़ने से महरूम रह जाते हैं। कसुपंटी के अनेक आटर्स विषय वालों स्कूलों में प्रवक्ता के पद रिक्त पड़े है, जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
डाॅ. तंवर ने विधायक एवं काबीना मंत्री अनिरुद्ध सिंह से आग्रह किया है कि बणी स्कूल के बारे प्रदेश सरकार को वस्तुस्थिति से अवगत करवाए तथा बच्चों का भविष्य देखते हुए बणी स्कूल में तुरंत प्रभाव से 11वी व 12वी कक्षाएं आरंभ की जाए।