आजाद भारत के पहले वोटर श्याम सरन नेगी अब हमारे बीच में नहीं हैं. 106 साल की उम्र में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. बीते 02, 2022 को ही उन्होंने अपने घर से पोस्टल बैलेट के जरिए अपना आखिरी वोट डाला था. नेगी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा गांव के रहने वाले थे. पिछले काफी दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी.
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02 नवंबर को पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला था
1 जुलाई 1917 को जन्मे नेगी सरकारी स्कूल में टीचर रहे थे, इसलिए उन्हें मास्टर जी भी कहा जाता था. आजादी मिलने के बाद देश के अंदर पहली बार 1951-52 में लोकसभा चुनाव कराए गए थे, तब से अब तक 16 लोकसभा और 14 विधानसभा चुनावों में उन्होंने अपना मूल्वयान वोट दिया था. उन्होंने वोट डालने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा.
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नेगी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र दी ने भी दुख जाताया है, उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘नेगी का वोट डालने के प्रति उत्साह हमारे युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करता है, उन्होंने देश के लोकतंत्र को मजबूत किया.
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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी नेगी के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने लिखा, स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता एवं किन्नौर से संबंध रखने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुःखी हूं. उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए 34वीं बार बीते 2 नवंबर को ही विधानसभा चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला, यह याद हमेशा भावुक करेगी. ईश्वर उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें.