राजस्थान के रहने वाले सिद्धार्थ ने जिस तरह से आस्ट्रेलिया से भारत आकर किसानों के साथ काम किया और सालाना 50 करोड़ रुपए का टर्नओवर कर रहे हैं, वो दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत है. सिद्धार्थ की शुरुआती पढ़ाई अपने गृह जनपद पाली में हुई. बाद में उच्च शिक्षा के लिए वो बैंगलुरु गए और वहां से कंप्यूटर एप्लिकेशन में अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के बाद सिद्वार्थ एक MNC में नौकरी पाने में सफल रहे.
वो बात और है कि सिद्वार्थ ने लंबे समय तक अपनी नौकरी जारी नहीं रखी और आगे की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए. पढ़ाई के बाद उनके पास आस्ट्रेलिया में मोटी सैलरी वाली नौकरी का ऑफर था, लेकिन वो भारत वापस लौट आए. यहां आकर उन्होंने अपना काम करने का प्लान किया और ऑर्गेनिक फार्मिंग में अपनी किस्मत आजमाई.
शुरुआत में सिद्धार्थ को ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में खास जानकारी नहीं थी. इससे पहले उन्होंने कभी खेती नहीं की थी. ऐसे में उन्होंने इंटरनेट और एक्सपर्ट्स की मदद से खुद को तराशा और तैयार किया. अंतत: 2009 में सिद्धार्थ ने पाली से ही अपने बिजनेस की शुरुआत की और एग्रोनिक्स फूड नाम से कंपनी रजिस्टर की.
आगे उन्होंने 40000 स्थानीय किसानों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया और उनकी मदद से सफलता की सीढ़िया चढ़ते गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 3 लाख रुपए की लागत से शुरू किया गया सिद्धार्ध का काम आज करीब 50 करोड़ रुपए सालाना के टर्नओवर वाला हो गया है. भारत समेत दुनिया के 25 देशों में उनके कस्टमर्स हैं.