सिंगापुर सरकार ने बताया है कि श्रीलंका से भागकर उनके यहाँ पहुँचे श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने शरण की मांग नहीं की है.
सिंगापुर के विदेश मंत्रालय के मुताबिक़, “राजपक्षे ने वहां शरण की मांग नहीं की है. मंत्रालय की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि उन्हें बतौर मेहमान ही देश में प्रवेश की अनुमति दी गई है.”
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सिंगापुर विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राजपक्षे को ‘निजी यात्रा’ के तहत सिंगापुर में प्रवेश की अनुमति दी गई है.
राजपक्षे गुरुवार देर शाम सिंगापुर पहुंचे. सिंगापुर पहुंचने के कुछ देर बाद ही उन्होंने ईमेल के ज़रिए श्रीलंका की संसद के स्पीकर को अपना इस्तीफ़ा भेज दिया.
श्रीलंका अब तक के सबसे बुरे आर्थिक संकट की चपेट में है और इस साल की शुरुआत से ही वहां प्रदर्शन हो रहे हैं लेकिन बीते शनिवार यानी 9 जून को बुलाया गया प्रदर्शन काफी उग्र हो गया.
लोगों ने राष्ट्रपति भवन और पीएम-हाउस को निशाना बनाया और उसमें दाख़िल हो गए. जिस कारण तत्कालिक राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को अपना राजभवन छोड़कर भागना पड़ा.
कोलंबो में फिलहाल कर्फ़्यू लागू है लेकिन जैसे ही गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफ़े की ख़बर आई, लोग जश्न मनाने के लिए सड़कों पर उतर आए.
दरअसल, महीनों से प्रदर्शन कर लोगों की प्रमुख मांग यही थी कि गोटाबाया अपने पद से इस्तीफ़ा दें.
इस बीच प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित किया गया है. हालांकि प्रदर्शनकारी उनके इस्तीफ़े की भी मांग कर रहे हैं.