शिमला-मटौर फाेरलेन( Shimla-Mataur Fourlane) के निर्माण को लेकर शुरू हुई कवायद में घरों की एसेस्मेंट सही न होने को लेकर विस्थापित समिति भड़क गई है। समिति के पदाधिकारियों ने डीसी बिलासपुर से फोरलेन (FourLane) के निर्माण में एसेस्मेंट को सही तरीके से करने के साथ विस्थापितों को उचित मुआवजे की मांग की है।
प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक से मिला। समिति के पदाधिकारियों ने एनएचएआई (NHAI) व फोरलेन निर्माण को में जुटी कंपनी के साथ बैठक आयोजित करने की मांग भी की है। समिति के मुख्य सलाहकार भगत सिंह वर्मा ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए उपायुक्त के समक्ष पूरी जानकारी साझा की।
वर्मा ने कहा कि कंपनी के कर्मचारी सही तरीके से एसेस्मेंट नहीं कर रहे हैं, केवल खाना पूर्ति की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बिलासपुर के लोग पहले भाखड़ा, कोलडैम, रेलवे लाइन और फोरलेन के निर्माण के नाम पर उजड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि निशानदेही कहीं और से की जाती है और काम कहीं और किया जाता है। यह भी जानकारी नहीं है कि फोरलेन के निर्माण में किस किसान की कितनी जमीन अधिग्रिहत की जा रही है, कितनी शेष है। ऐसी पुर्नावृति को रोकने के लिए उचित कदम उठाये जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि किरतपुर नेरचौक फोरलेन (Kiratpur Nerchowk Fourlane) के निर्माण में पुश्तैनी मार्गों को भी उखाड़ दिया गया है। ऐसा इस निर्माण में न हो इसके लिए रास्तों, पेयजल भंडारों को रिस्टोर किया जाना चाहिए। ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि जमीन का सही मुआवजा भी मिलना चाहिए। मकानों की भी ठीक तरीके से एसेस्मेंट होनी चाहिए।
वहीं उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल की मांगों को गंभीरता से लिया गया है। एसडीएम को प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करने के निर्देश दिए हैं। वह कंपनी और एनएचआईए के अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का उचित समाधान तलाशा जायेगा।
इस मौके पर शिमला-मटौर फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के समिति के प्रधान बाबू राम सिसौदिया, नंद लाल ठाकुर महासचिव, कृष्ण लाल ठाकुर, जीवनलता प्रधान नम्होल पंचायत, जगतपाल उपप्रधान नम्होल पंचायत, राजपुरा पंचायत प्रेम सहगल, रसीद मोहम्मद आदि मौजूद रहे।