हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री जिन सफाई कर्मचारियों के पांव धुलवा कर उनका अभिनंदन और सत्कार करके उन्हे सम्मान देते है। उन्ही सफाई कर्मचारियों को बीते 7 महीनों से अपनी मेहनत और मजदूरी की तनख्वाह के लिए तरसना पड़ रहा है।
मामला सिरमौर जिला के पुलिस चौकियों और पुलिस थानों में तैनात उन सफाई कर्मचारियों से जुड़ा है जिनके घर का चूल्हा बीते 7 महीनों से सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते ठंडा पड़ा हुआ है। आपको भी ये जानकर ताज्जुब होगा की बीते वर्ष अक्टूबर माह से अभी तक 7 महीनों से ज्यादा का समय बीत चुका है। मगर सफाई कर्मचारियों को वेतन के नाम पर सरकार के द्वारा एक नए पैसे का भी भुगतान नहीं किया गया है।
जानकारी के अनुसार जिला के विभिन्न पुलिस थानों और चौकियों में सरकार की अनुमति के बाद तकरीबन 2 दर्जन सफाई कर्मचारियों को आउट्सोर्स के आधार पर नियुक्ति प्रदान की गई थी। मगर 7 महीनों से वेतन नहीं मिलने के चलते कुछ कर्मचारी नौकरी छोड़ कर मेहनत-मजदूरी के अन्य कार्य करने पर मजबूर हो गए है ताकि अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।
आपको बताते चले की बीते 7 महीनों से तनख्वाह न मिलने के कारण सफाई कर्मचारी खुद को ठगा महसूस कर रहे है। अपने घर में रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर पाना और घर का चूल्हा जला पाना भी अब इनके लिए बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है। मगर लाखों रुपयों की तनख्वाह पाने वाले अधिकारियों को शायद इस बात से कोई इत्तेफाक नहीं है।
सनद रहे कि वर्ष 2019-20 में रेनबो इंटरप्राइजेज नाम की कंपनी को सरकार द्वारा आउटसोर्स का ठेका दिया गया था। उस समय इस कंपनी द्वारा सफाई कर्मचारियों को महज 3449 रुपये बतौर मासिक वेतन भुगतान किया जाता था, जबकि हर महीने सैकड़ों रुपये ईपीएफ के नाम से काट दिए जाते थे। उसके बाद वर्ष 2020 से लेकर वर्तमान समय तक आरबी वर्ल्ड नाम कि कंपनी द्वारा आउट्सोर्स व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है। मगर इस कंपनी द्वारा सफाई कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की जगह उल्टा घटा कर महज 3000 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है।
हैरानी इस बात को लेकर भी है कि सरकार के साथ करार खत्म हो जाने के बाद भी रेनबो इंटरप्राइजेज कंपनी द्वारा ईपीएफ से संबंधित जानकारी भी कर्मचारियों द्वारा लगातार मांगने पर मुहैया नहीं कारवाई जा रही है और न ही ईपीएफ की बकाया राशि का भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में आउट्सोर्स के तहत कार्यरत इन कर्मचारियों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में शोषण किया जा रहा है इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता है।
आरबी वर्ल्ड कंपनी के संचालक जगमोहन बहक से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि 31 जनवरी 2022 को उनका टेंडर समाप्त हो चुका है। उसके बाद से ये कार्य बिना टेंडर के चल रहा है। उनकी तरफ से भी जिला पुलिस मुख्यालय को सफाई कर्मियों के बकाया वेतन की अदायगी के लिए लिखित और मौखिक रूप से गुजारिश की गई है। कुछ लोगों की आर्थिक तंगी को देखते हुए उन्होंने अपनी जेब से कुछ महीनों की तनख्वाह का भुगतान भी किया है।
उधर, इस संबंध में एसपी सिरमौर ओमापति जमवाल ने बताया कि हिमाचल सरकार के वित्त विभाग में मामला प्रस्तावित है। सरकार से स्वीकृति मिलते ही सफाई कर्मचारियों के शेष वेतन का भुगतान करवा दिया जाएगा। उन्होंने बताया की वो स्वयं भी इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है और जल्द भुगतान करवाने के लिए लगातार प्रयासरत है।