भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण, चंडीगढ़ द्वारा शुक्रवार को सिरमौर जिला के सुकेती स्थित शिवालिक फॉसिल पार्क में आजादी के अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कई राज्य सरकार के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों, स्थानीय स्कूल और कॉलेजों के संकाय सदस्यों को आस-पास के गांवों के स्थानीय लोगों के साथ आम जनता के बीच जागरूकता पैदा करने के अलावा शिवालिक जीवाश्म पार्क को धरोहर स्थल और भू-पर्यटन के केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित किया गया था।
विधायक नाहन अजय सोलंकी ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए कहा कि सुकेती स्थित इस फॉसिल पार्क की देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि इस फॉसिल पार्क के कारण नाहन क्षेत्र और सिरमौर का नाम राष्ट्रीय पटल पर उभर कर आया है।
उन्होंने कहा कि विलुप्त होती वन्य जीवों व जानवरों की प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में भारतीय भू-वैज्ञानिकों द्वारा शानदार कार्य किया जा रहा है। इस प्रकार के आयोजन से जहां जीवाश्मों के अनुसंधान में जुटे स्कॉलर, वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों को सहायता मिलती है, वहीं क्षेत्र के लोगों को भी जीवाश्म सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल होती है और साथ ही पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलता है।
अजय सोलंकी ने स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता फैलाने में संग्रहालय और जीएसआई के योगदान की सराहना की। उन्होंने सिरमौर के नाहन में जीएसआई के अधिकारियों को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
जीएसआई के उप-महानिदेशक चंडीगढ़ डॉ. जी.एस. तिवारी ने छात्रों और अन्य प्रतिभागियों के साथ जीवाश्म और शिवालिक जीवाश्म पार्क सुकेती के महत्व के बारे में अपने विचार सांझा किए। उन्होंने कहा कि सुकेती स्थित फासिल पार्क में आयोजित आजादी का अमृत महोत्सव आयोजन सफल रहा और भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन किये जाते रहेंगे। उन्होंने इस आयोजन में भाग लेने के लिए स्थानीय विधायक और जिला प्रशासन के अधिकारियों का आभार जताया।
पीएस सेठी, निदेशक ने जीवों के विकास को समझने में जीवाश्मों की भूमिका पर जोर देने के अलावा, जीएसआई के इतिहास और राष्ट्र निर्माण में इसके योगदान पर एक व्याख्यान भी प्रस्तुत किया। जीएसआई, चंडीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संग्रहालय में प्रदर्शित विभिन्न प्रदशर्नियों को भी प्रतिभागियों की संतुष्टि के लिए विस्तार से समझाया गया।
छात्रों को जीवाश्मों के संरक्षण, पहचान और संग्रह के तरीके के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से जीवाश्म शिकार पर एक विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था जिसमें छात्रों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। इस अवसर पर शिवालिक जीवाश्म संग्रहालय के परिसर में एक पौधा भी लगाया।
इस मौके पर एसडीएम नाहन रजनेश कुमार, जीएसआई के वरिष्ठ अधिकारी व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।