#Sirmaur : नहीं रहे “किंग ऑफ रोनहाट” नरेश ठाकुर, ब्लड कैंसर से जंग हारे समाजसेवी

रोनहाट, 25 अगस्त : नागरिक उपमंडल शिलाई के लाधी महल क्षेत्र की ग्राम पंचायत रास्त से संबंध रखने वाले विख्यात समाजसेवी नरेश ठाकुर के निधन की दुखद खबर है। महज 40 साल की आयु में ब्लड कैंसर से लंबी जंग के बाद वीरवार सुबह नरेश ठाकुर इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए। हर एक शख्स की सहायता के लिए रात-दिन तैयार रहने वाले मिलनसार और मृदुभाषी समाजसेवी की मौत का दुखद समाचार मिलने के बाद हर किसी की आंखें नम हो गई है।

आपको बताते चलें कि रोनहाट में बस अड्डे के समीप समाजसेवी का अपना घर था, जहां के दरवाजे बीमार और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए बिना जाति और धर्म का भेदभाव किए रात-दिन खुले रहते थे। यहीं कारण था कि लोग उन्हे प्यार से “किंग ऑफ रोनहाट” भी कहते थे। नरेश ठाकुर में समाज सेवा का ऐसा जुनून सवार था कि बिना रुके व बिना थके अनजान लोगों की सहायता करने से भी कभी पीछे नहीं रहते थे। गरीब लोगों के प्रति विशेष सम्मान और प्रेम के चलते उन्होंने कई उजड़ते घरों को अपनी मदद रूपी संजीवनी देकर आबाद किया है।

चेहरे पर प्यारी सी मुस्कुराहट लिए निरंतर लोगों को खुशियां बांटने के काम में लगे रहने वाले समाजसेवी की आकस्मिक मौत से हर कोई स्तब्ध है। वीरवार को रोनहाट बाजार की करीब 250 दुकानों को शौक स्वरूप बंद रखा गया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए व्यापार मण्डल व स्थानीय लोगों द्वारा प्रार्थना की गई। दिवंगत समाजसेवी की मौत की खबर के बाद उनके पैतृक निवास पर अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा है। वीरवार दोपहर बाद स्थानीय रीति रिवाजों के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

वहीं दिवंगत समाजसेवी नरेश ठाकुर अपने पीछे धर्म पत्नी, 2 बेटियां और 1 बेटा छोड़ गए है, जिनका इस दुखदायी समय में रो-रो कर बुरा हाल है। हर कोई नम आंखों के साथ “किंग ऑफ रोनहाट” के नाम से मशहूर दिवंगत समाजसेवी नरेश ठाकुर को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है और उनकी अविस्मरणीय स्मृतियों को याद कर रहा है।