3 साल की उम्र में छिन गया था हाथ…सिरमौर का नन्हा फुटबॉल खिलाड़ी ‘राहत अली’

सिरमौर की जिला स्तरीय अंडर-14 (U-14) फुटबॉल प्रतियोगिता में एक बालक ‘राहत अली’ केंद्र बिंदू रहा। तीन साल की उम्र में एक हाथ खो चुके राहत को फुटबॉल से इतना प्रेम हो गया है कि शारीरिक अक्षमता को खुद पर हावी नहीं होने दिया।

चौगान में मैच खेलता राहत।

पांवटा साहिब उपमंडल के शिवपुर का रहने वाला राहत अली गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल (Guru Nanak Mission Public School) में आठवीं कक्षा का छात्र है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से फोन पर बातचीत में राहत ने कहा कि जब वो तीन साल का था तो दादा जी मशीन में घास काट रहे थे। इसी दौरान दादा जी का ध्यान कहीं और चला गया। उसने घास के दो-तीन पुले उठाकर मशीन में डाल दिए, मौके पर ही एक हाथ कटकर अलग हो गया। एक सवाल के जवाब में राहत ने कहा कि कुछ सालों से फुटबॉल के प्रति खासा लगाव हो गया।

आठवीं कक्षा के छात्र का ये भी कहना था कि वो इस दर्द ने उबर चुका है। जीवन में एक बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी बनना चाहता है। निश्चित तौर पर राहत से बच्चों व अभिभावकों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।

अभिभावकों को बच्चों की टीवी व मोबाइल की लत छुड़वा कर खेल मैदान की तरफ जाने को प्रेरित करना चाहिए, ताकि वो देश व प्रदेश का नाम रोशन कर सकें। राहत को फुटबॉल के प्रति प्रेरित करने के लिए गुरु नानक मिशन स्कूल का स्टाफ भी बधाई का पात्र है। अमूमन विद्यालयों में अक्षम बच्चों को तिरस्कार का भी सामना करना पड़ता है।

उल्लेखनीय है कि जिला फुटबॉल संघ द्वारा चौगान मैदान (Chowgan Ground) में अंडर-14 व अंडर-16 जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल व आदर्श विद्या निकेतन स्कूल (Adarsh ​​Vidya Niketan School) की टीमों के बीच मुकाबला हुआ।

इस मैच में भी राहत ने शानदार डिफेंडर की भूमिका निभाई। गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल की टीम ने आदर्श विद्या निकेतन की टीम को 2-1 से हराकर मुकाबला जीत लिया। विजेता टीम के लिए करणजोत सिंह व प्रणव शर्मा ने एक-एक गोल स्कोर किया।

उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में राहत के कोच रजनीकांत शर्मा ने बताया कि फाइनल मुकाबले में राहत ने एक शानदार डिफेंडर की भूमिका निभाई। लॉन्ग शॉट खेलकर फारवर्ड पंक्ति को पास दिए। साथ ही विरोधी टीम पर भी हावी रहा।