कारगिल युद्ध के दौरान सन 1999 में देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारत माता के अमर सपूत कल्याण सिंह की याद में शिलाई विधानसभा क्षेत्र की उप–तहसील रोनहाट की ग्राम पंचायत हलाहं में मनाया जाने मेला सियासत की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। वर्ष 2000 से लेकर लगातार 22 वर्षों तक इस मेले को स्थानीय लोगों द्वारा बड़ी धूमधाम से आयोजित किया जाता रहा, जिसका सारा खर्च भी तीन पंचायतों के लोगों की गठित कमेटी द्वारा वहन किया जाता था। मगर बीते वर्ष इस मेले को सरकार द्वारा जिला स्तरीय मेला घोषित किया गया।
इस वर्ष पहली बार प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर इसका आयोजन किया जा रहा है। मगर इस वर्ष शहीद की याद में लगने वाला ये मेला लगातार विवादों में फंसता नजर आ रहा है। स्थानीय पंचायत का एक धड़ा आयोजन के समर्थन में तंबू में डटा है तो दूसरा धड़ा आयोजन के विरोध में खेल मैदान के बीच धरने पर बैठा हुआ है। दोनों गुटों में आपसी तनातनी से स्थिति इतनी नाजुक हो गई है कि पुलिस के दर्जनों जवानों को मेला स्थल में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालात इतने बेकाबू हैं कि मेला कमेटी के माइक और लाउडस्पीकर से ही उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान व सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू मुर्दाबाद के नारे तक गूंज चुके है।
स्थिति ऐसी बनी हुई है कि खेल मैदान के आधे हिस्से में मेले का विरोध कर रहे लोगों का धरना प्रदर्शन चल रहा है तो वहीं दूसरे आधे हिस्से में मेले का समर्थन कर रहे लोगों द्वारा नाच–गाना किया जा रहा है। जबकि भारी पुलिस बल द्वारा दिनभर इसी खेल मैदान में खड़े होकर दोनों पक्षों के बीच में घेरा बनाकर कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। लिहाजा सभी कोशिशों के बाद भी खेल प्रतियोगिता के नाम पर अभी तक एक भी मैच नहीं करवाया जा सका है।
आयोजन का विरोध करने वालों में शामिल स्थानीय पंचायत की प्रधान सविता देवी और पूर्व प्रधान यशपाल ठाकुर ने बताया कि मेले की आड़ में शहीद के परिवार द्वारा पंचायत के गरीब किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा जमाया जा रहा है। उनका कहना है कि शहीद का वो भी दिल से सम्मान करते है। मेले के आयोजन से उन्हे कोई समस्या नहीं है। मगर शहीद के नाम की आड़ में गरीब किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा नहीं करने देंगे।
उनके अनुसार सभी गांव के लोगों द्वारा सामूहिक रूप से 10 बिस्वा जमीन पहले ही शहीद कल्याण सिंह मेमोरियल मेला कमेटी को दान स्वरूप दी जा चुकी है। शहीद के परिवार के पास निजी जमीन भी बहुत अधिक मात्रा में है। ऐसे में उन्हें मेला आयोजन के लिए अपनी निजी या सरकारी जमीन का उपयोग करना चाहिए न कि किसी गरीब की जमीन पर जबरन कब्जा जमाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस बारे में पहले ही शिकायत दी गई थी। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते उन्हें मजबूरन धरने पर बैठना पड़ रहा है।
वहीं आयोजन का समर्थन करने वालों में शामिल लोगों और शहीद कल्याण सिंह के परिवार के सदस्य कुंदन सिंह, विजय ठाकुर और ओम प्रकाश ठाकुर ने बताया कि जिस जमीन को लेकर झूठा विवाद उत्पन्न किया जा रहा है। उस जमीन पर शहीद कल्याण सिंह मेमोरियल टूर्नामेंट के लिए खेल मैदान निर्माण हेतु पंचायत द्वारा सरकारी खजाने से करीब 15 लाख रुपए खर्च किए जा चुके है। पंचायत द्वारा वर्ष 2015 में इसको लेकर प्रस्ताव भी जारी किया गया था।
उन्होंने गरीब किसानों की जमीन पर शहीद के परिवार द्वारा जबरन कब्जा करने के आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए बताया कि पंचायत प्रधान व उनके सहयोगियों द्वारा शहीद कल्याण सिंह की याद में लगने वाले मेले में राजनीति से प्रेरित होकर जबरन विवाद उत्पन्न कर शहादत का अपमान किया जा रहा है। जिला स्तरीय मेले के आयोजन व संचालन की जिम्मेवारी प्रशासन की होती है। मगर प्रशासन भी सरकार के दबाव में आकर आयोजन स्थल में जबरन धरने पर बैठे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। चुपचाप तमाशा देखकर जिम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ रहा है।
उधर भाजपा सांसद व पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए बताया कि उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान सत्ता का दुरुपयोग कर फौजियों की शहादत का अपमान कर रहे है। कारगिल युद्ध में शहीद कल्याण सिंह की याद में लगने वाले टूर्नामेंट का विरोध करने वाले सभी लोग कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी है। भाजपा शहीदों का सम्मान करती है इसलिए पूर्व जयराम सरकार ने इसे जिला स्तरीय मेले का दर्जा दिया था। मगर कांग्रेस पार्टी की सरकार ने सत्ता में आते ही शहीदों का अपमान कर अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।
वहीं, शिलाई विधानसभा क्षेत्र के विधायक व उद्योग, संसदीय कार्य एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बताया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा शहीदों का सम्मान करती है। उन्होंने भाजपा द्वारा लगाए सभी आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत हलाँह में स्थानीय लोगों के बीच जमीन को लेकर आपसी विवाद चल रहा है। भाजपा जबरन मुद्दे को सियासी रंग देकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का प्रयास कर रही है। मामला संज्ञान में आते ही प्रशासन को दोनों पक्षों को एक साथ बिठा कर बातचीत के माध्यम से इसका समाधान निकालने के निर्देश दिए गए है। उम्मीद है की जल्द ही विवाद सुलझ जाएगा।
उधर, एसडीएम सुरेश कुमार सिंघा ने बताया कि शहीद कल्याण सिंह की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित कर विधिवत रूप से मेले का शुभारंभ किया गया है। स्थानीय पंचायत के लोगों में जमीन को लेकर विवाद बना हुआ है। दोनों पक्षों से बातचीत करके विवाद को सुलझाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। किसी भी तनावपूर्ण स्थिति से निपटने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई है।