नई टनल की लंबाई करीब 147 मीटर होगी। डबललेन टनल बनने से लोगों के पांच से सात मिनट बचेंगे। टनल बनने से अपर शिमला के अलावा चायल, मशोबरा, बसंतपुर, सुन्नी से आने वाले वाहन बिना किसी जाम के संजौली बाजार पहुंच सकेंगे। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्मार्ट सिटी मिशन के सबसे बड़े प्रोजेक्ट ढली डबललेन टनल का निर्माण कार्य बुधवार से शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार दोपहर ढाई बजे इसका शिलान्यास किया। इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्धाज, महापौर एमसी शिमला सत्या कौंडल, पार्षद समेत अन्य मौजूद रहे। टनल का निर्माण कार्य ढली सब्जी मंडी की ओर से शुरू किया जाएगा। यहां बने एफसीआई के स्टोर को तोड़कर जमीन समतल कर दी है ताकि खुदाई का काम शुरू हो सके। वर्तमान ढली टनल के समानांतर बनने वाली इस डबललेन टनल के निर्माण से संजौली और ढली के बीच लगने वाला यातायात जाम खत्म हो जाएगा। नई टनल में दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही होगी।
एचपीआरआईडीसी इस प्रोजेक्ट का निर्माण करवा रहा है। नई टनल की लंबाई करीब 147 मीटर होगी। डबललेन टनल बनने से लोगों के पांच से सात मिनट बचेंगे। अभी वर्तमान टनल में वनवे आवाजाही होने से लोगों को जाम में फंसना पड़ता है। टूरिस्ट और सेब सीजन में वाहनों की आवाजाही बढ़ने से टनल के बाहर कतारें लग जाती हैं। जाम से बचने के लिए लोगों को चलौंठी बाइपास से जाना पड़ता है, लेकिन इससे सफर तीन किमी बढ़ जाता है। नई टनल बनने से अपर शिमला के अलावा चायल, मशोबरा, बसंतपुर, सुन्नी से आने वाले वाहन बिना किसी जाम के संजौली बाजार पहुंच सकेंगे।
यह होगी नई टनल की खासियत
147 मीटर लंबी होगी डबललेन टनल
18 माह में पूरा होगा काम, दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही होगी
पेयजल लाइनें या केबल बिछाने के लिए टनल के भीतर अंडरग्राउंड नाली (डक्ट) तैयार की जाएगी
टनल के भीतर लाइटिंग, ड्रेनेज सिस्टम, ट्रैफिक सिग्नल, फुटपाथ की पुख्ता व्यवस्था रहेगी
हर रोज एक मीटर तैयार होगी ढली की डबल लेन टनल
इस तकनीक से होगा निर्माण
टनल का निर्माण ऑस्ट्रियन तकनीक से होगा। आसपास के भवनों को नुकसान न हो, इसके लिए हाइटेक व्यवस्था रहेगी। काम ड्रिलिंग से शुरू होगा जिसके बाद मलबा हटाया जाएगा। इसमें जितनी जगह खाली होगी उसे साथ में मजबूती दी जाएगी। अंदर हल्की ब्लास्टिंग होगी। 12 मीटर के दायरे में यह काम होगा। नई टनल के निर्माण के दौरान तीन बार यहां बने सभी भवनों की वीडियोग्राफी होगी। निर्माण के बाद अगले एक साल तक होने वाले किसी तरह के नुकसान की भरपाई काम करने वाली कंपनी करेगी।