हिमाचल प्रदेश में स्मार्ट मीटर योजना का खाका तैयार हो गया है। इस योजना को 1800 करोड़ रुपए से अमलीजामा पहनाया जाएगा। इस बारे में केंद्र सरकार को प्रोजेक्ट फाइल भेजी गई है और इसकी मंजूरी के बाद बिजली बोर्ड इन मीटर लगाने का ठेका निजी कंपनी को देगा। जो कंपनी टेंडर हासिल करेगी, उसे रेंट के तौर पर प्रति स्मार्ट मीटर भुगतान बिजली बोर्ड की तरफ से किया जाएगा। इस भुगतान के लिए बोर्ड ने केंद्र सरकार से भी मदद मांगी है। शिमला और धर्मशाला के बाद अब अन्य सभी शहरों और उसके बाद ग्रामीण इलाकों में भी स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी चल रही है। प्रदेश में ट्रायल के तौर पर स्मार्ट सिटी शिमला और धर्मशाला में इन मीटरों को लगाने का काम शुरू हुआ था। पिछले करीब छह माह में दोनों शहरों में 80 से 90 फीसदी मीटर लगाए जा चुके हैं और इन मीटरों को मोबाइल ऐप से जोड़ा जा रहा है।
यह मीटर पूरी तरह से मोबाइल से नियंत्रित होंगे। इन मीटरों को मोबाइल की तर्ज पर ही रिचार्ज किया जा सकेगा। बिजली बोर्ड को बड़ी राहत मिलने वाली है। बोर्ड को अब बिल की उगाही के लिए स्टाफ की जरूरत नहीं पड़ेगी। फिलहाल, बिजली बोर्ड ने प्रोजेक्ट की फाइल तैयार कर ली है और इस फाइल को केंद्र सरकार को भेजा गया है। इसकी स्वीकृति अप्रैल महीने में आने की संभावना जताई जा रही है। बजट का प्रबंध होते ही राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आगामी छह माह में प्रदेश के ज्यादातर जिलों में स्मार्ट मीटर लगा लिए जाएंगे।