Smart Village Piplantri: यहां बेटियों के जन्म पर लगाए जाते हैं 111 पेड़, विदेशों में होती है चर्चा

Piplantri Village

भारत की एक बहुत बड़ी आबादी गांव छोड़कर शहर की तरफ बस रही है. क्योंकि गांव में सुविधाओं का आभाव है. लेकिन भारत का एक ऐसा भी स्मार्ट गांव है, जिसकी पहचान देश में ही नहीं विदेशों में भी है. 

Piplantri, the village that plants trees for womenLifeGate

विदेशों से भी आटे हैं पर्यटक 

इस गांव का नाम ‘पिपलांत्री’ (Piplantri Village) हैं, जो राजस्थान के राजसमंद जिले की एक पंचायत है. जो जिले से 15 किमी दूरी पर स्थित है. करीब 6000 की आबादी वाले इस गांव में हरे-भरे पेड़, हर हाथ में काम, हर बेटी के पैदा होते ही एफडी करा दी जाती है. जिसकी खूबियों की चर्चा विदेशों तक होती है. यहां न सिर्फ देश के कोने-कोने से पर्यटकों का जमवाड़ा लगा रहता है, बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी यह गांव अपनी ओर खींच लाता है. 

Piplantrizee

पहले बदहाली का शिकार था गांव

बता दें कि यह आदर्श गांव किसी सरकार की मदद से नहीं बल्कि ग्रामीणों और उनके पूर्व सरपंच की मेहनत का नतीजा है. जहां पहले समस्याओं का अम्बार था. इसकी कामयाबी की शुरुआत शुरू होती है साल 2005 से. जब पंचायती चुनाव में गांव के युवा राजनेता श्याम सुंदर पालीवाल ( Shyam Sunder Paliwa ) गांव के सरपंच चुने जाते हैं. उस वक़्त गांव बदहाली का शिकार था. पानी की कमी, सिंचाई के साधन नहीं थे. खेत बंजर हो रहे थे. बेरोजगारी थी. नौजवान नशे का आदी बन रहा था. अच्छी शिक्षा नहीं थी. गांव में समस्या मुंह बाये खड़ी थी. 

Shyam Sunder PaliwaIT

फिर बदली गांव की तस्वीर 

तब सरपंच श्याम सुंदर पालीवाल ने गांव में पानी की समस्या दूर करने की ठानी. ग्रामीणों के साथ मिलकर बरसात के पानी को दर्जनों जगहों पर एकत्र करवाया. पौधारोपण के लिए लोगों को जागरूक किया. गांव की हजारों एकड़ सरकारी जमीनों को कब्जे से मुक्त करवाया. वहां पेड़ लगवाए. शिक्षा के लिए माकूल इंतेजामात करवाए. स्कूल की बिल्डिंगों की मरम्मत करवाई. 

देखते ही देखते गांव की तस्वीर बदलने लगी. बदहाल गांव में खुशियां बिखर गईं. बंजर खेत लहलहाने लगे. जिस गांव में पानी का जलस्तर 500-800 फिट नीचे गहरा चला गया था. आज वहां पानी बुलबुले फूट रहे हैं. वो 40-50 फिट पर आ गया है. हर तरफ हरे-भरे पेड़ लोगों को सुकून देते हैं.

Piplantri VillageIT

बेटी के जन्म पर लगाए जाते हैं 111 पेड़

पिपलांत्री गांव में एक दिलचस्प बात यह है कि यहां के लोग पौधारोपण को लेकर इतने जागरूक हैं कि यहां बेटी के पैदा होने पर 111 पेड़ लगाए जाते हैं. फिर जब वही बेटियां बड़ी हो जाती हैं. तब वह उन पेड़ों को अपना भाई मानते हुए राखी बांधती हैं. इसके लिए एक बड़ा आयोजन होता है. फिर वे उन्हें पाल-पोस कर बड़ा करती हैं. उनका ख्याल रखती हैं. यहां बेटी के जन्म होने पर उसकी एफडी करा दी जाती है. जब उस बेटी की शादी होती है, तब इन पेड़ों को बेचकर जो पैसा मिलता है. उसे उसकी शादी में खर्च कर दिया जाता है. इस स्मार्ट गांव में लड़कों से आगे लड़कियां रहती हैं. महिलाओं के पास भी रोजगार है.

वहीं जब इस गांव में किसी ग्रामीण की मौत हो जाती है, तब उसकी याद में 11 पेड़ लगाए जाते हैं. उनकी यह मुहिम लोगों के लिए मिसाल है. एक रिपोर्ट के मुताबिक पिपलांत्री गांव में अब तक लगभग 4 लाख पेड़ लगाए जा चुके हैं.

Shyam Sunder with Amitabh KBCIT

हर कोई कर चुका है इस गांव की सराहना  

आज श्याम सुंदर वहां के सरपंच नहीं है, लेकिन उनकी राह पर ही आज यह गांव तरक्की की मिसाल बन रहा है. दूर गांव के सरपंच भी इनसे सलाह लेने आते हैं. साल 2007 में इन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति के द्वारा पिपलांत्री को स्वच्छ ग्राम पंचायत बनाने के लिए पुरस्कार से नवाजा गया था. राजस्थान सरकार ने पिपलांत्री के तर्ज पर 200 से ज्यादा पंचायतों को विकसित करने की योजना चलाई है. महाराष्ट्र सरकार ने श्याम सुंदर को जल संरक्षण कमेटी में सम्मानित सदस्य बनाया है. 

कुछ साल पहले बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन होस्ट ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में भी श्याम दिखाई दिए थे. जहां उनके कामों की तारीफ़ हुई थी. आज पिपलांत्री गांव की कामयाबी दूसरों के लिए मिसाल है, जिनके पास मजबूत हौसले और ईमानदारी से कुछ करने की चाह हो. वे इस आदर्श गांव से सबक ले सकते हैं. जिसकी हर कोई सराहना कर चुका है.