कांग्रेस की सरकार बनते ही एसएमसी शिक्षक होंगे पक्के
प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहे लाहौल स्पीति के शिक्षण संस्थानों को आज भी जहां शिक्षकों का इंतजार है, वहीं घाटी के अधिकतर स्कूलों में छात्रों के भविष्य की जिम्मेदारी एसएमसी शिक्षकों के हवाले ही है। एक तरफ सरकार जहां प्रदेश में उचित शिक्षा व्यवस्था का दावा करती है, वहीं इन दावों की हवा लाहौल स्पीति के स्कूलों में खुल रही है। सरकारी स्कूलों में नियमित शिक्षकों की कमी के चलते जहां छात्रों का पलायन पिछले लंबे समय से देखने को मिल रहा है, जो छात्र अभी घाटी के शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं उनमें से अधिकतर का भविष्य संवारने में जुटे घाटी के एसएमसी शिक्षकों को भी सरकार लगातार नजर अंदाज करती आ रही है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जहां स्कूलों में पीटीए के आधार पर रखे गए शिक्षकों को पूर्व की कांग्रेस सरकार ने नियमित कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया था, वहीं वर्तमान समय में एसएमसी शिक्षकों के लिए किसी भी तरह की नियमितीकरण को लेकर पॉलिसी सरकार द्वारा नहीं बनाई जा सकी है। बात अगर यहां लाहौल स्पीति जिला की करें तो इस जिला में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में पिछले लंबे समय से एसएमसी के शिक्षक एक अहम भूमिका अदा कर रहे हैं ,वहीं सरकार इनके इस महत्वपूर्ण कार्य को नजरअंदाज करते हुए इन्हें आज तक नियमित नहीं कर पाई है। पूर्व विधायक रवि ठाकुर ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार सत्ता में आती है तो उनका यह प्रयास रहेगा कि एसएमसी शिक्षकों को भी नियमित करने के लिए वे पॉलिसी बनाएंगे और शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेंगे।
रवि ठाकुर ने कहा है कि वे उन सभी एसएमसी शिक्षकों को ये वादा करते हैं कि उनके चुनाव जीतते ही व कांग्रेस की सरकार सत्ता में आते ही जहां कांग्रेस हाईकमान से वे एसएमसी शिक्षकों के लिए पॉलिसी बनाने की बात प्रमुखता से उठाएंगे, वहीं उनके नियमितीकरण का मामला भी अंजाम तक पहुंचाएंगे। रवि ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में जहां अधिकतर स्कूलों में आज भी शिक्षकों की भारी कमी चल रही है, वहीं दर्जनों पद आज तक भरे नहीं जा सके हैं । लिहाजा इन स्कूलों में जहां एसएमसी शिक्षक ही बच्चों के भविष्य को संवार रहे हैं,वहीं इनकी सेवाओं को भी नजरअंदाज करना गलत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनते ही एसएमसी शिक्षकों को नियमितीकरण का तोहफा जरूर दिया जाएगा।