….तो नाहन में बिंदल बनाम सोलंकी, समझें आंकड़ों का अंकगणित

नाहन, 11 अक्तूबर: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर हालांकि, भाजपा व कांग्रेस ने नाहन में पार्टी प्रत्याशियों की आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन मौजूदा विधायक डाॅ. राजीव बिंदल का भाजपा का टिकट कन्फर्म माना जा रहा है। उधर, कांग्रेस के खेमे में अजय सोलंकी को टिकट मिलने की संभावना बन गई है।

नाहन निर्वाचन क्षेत्र में 2007 व 2012 में मुकाबला त्रिकोणीय था, लेकिन 2017 में सीधी जंग भाजपा व कांग्रेस में हुई। भाजपा प्रत्याशी डाॅ. राजीव बिंदल ने 51.30 प्रतिशत वोट हासिल किए थे, जबकि सोलंकी को 44.81 प्रतिशत वोट मिले थे।

चुनाव की बिसात पर एक बड़ी बात ये है कि 2017 के धुरंधर ही पांच साल बाद एक बार फिर आमने-सामने नजर आ रहे हैं, लेकिन दोनों को ही इन पांच सालों में डैमेज का सामना  भी करना पड़ा है। ऐसे में साफ जाहिर हो रहा है कि जो भी प्रत्याशी अधिक डैमेज कंट्रोल कर पाएगा, वो जीत का सेहरा पहन लेगा।

लगातार दो बार चुनाव जीत चुके डाॅ. राजीव बिंदल के सामने एंटी इंकम्बेंसी का फैक्टर है तो सोलंकी से अपने ही रुठे हुए हैं। आम आदमी पार्टी भी अब तक कोई दम नहीं दिखा पाई है, लिहाजा टक्कर आमने-सामने की होने की उम्मीद है।
2012 में पहली बार सोलन से आकर डाॅ. बिंदल ने चुनाव जीता।

पहली बार भी 47.69 प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल हो गए थे। ये मुकाबला चौतरफा था। कांग्रेस प्रत्याशी कुश परमार को 23.6 प्रतिशत वोट पड़े, जबकि लोजपा के टिकट पर दिवंगत सदानंद चौहान ने 15.5 प्रतिशत मत हासिल किए थे। हिलोपा प्रत्याशी के तौर पर दिवंगत श्यामा शर्मा को 9.8 पर संतोष करना पड़ा था।

2007 के चुनाव में भाजपा की मत प्रतिशतता 32.7 थी। जबकि त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस को 34.4 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। लोजपा के खाते में 30.1 प्रतिशत वोट आए। इससे साफ जाहिर है कि भाजपा व कांग्रेस के अलावा भी निर्वाचन क्षेत्र में एक बड़ा वोट बैंक है। ये किस रुख जाता है, ये तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा इस वोट बैंक पर अधिक सेंधमारी करने में सफल हुई थी।

कुल मिलाकर देखना ये होगा कि नाहन निर्वाचन क्षेत्र में कौन डैमेज कंट्रोल करने में कामयाब हो पाता है।