तो कहां गया वीर: निगलने के शक में लोगों ने कर दी बेकसूर की हत्या, एक्सरे में मगरमच्छ के पेट में भी नहीं दिखा बच्चा

मगरमच्छ ने बच्चे को बनाया निवाला
देवहा नदी में गई भैंस को बाहर निकालते समय मगरमच्छ के द्वारा पानी में खींचे गए वीर का 24 घंटे बाद भी कुछ पता नहीं चल सका है। जिस मगरमच्छ को ग्रामीणों ने पकड़ा था एक्सरे में उसका पेट खाली निकला। वहीं, नदी से निकालते समय कुछ ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से पीटकर मगरमच्छ को घायल कर दिया था। घायल मगरमच्छ को पंतनगर पशु चिकित्सालय ले जा रहे थे, लेकिन समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को जला दिया।
रविवार की शाम को यूपी सीमा से सटे गांव मेहरबान नगर निवासी मीना देवी पत्नी स्व. शोभा प्रसाद का 11 वर्षीय पुत्र वीर सिंह देवहा नदी किनारे भैंस चरा रहा था। इस बीच भैंस नदी में चली गई। भैंस को पानी से निकालने के लिए वीर सिंह भी नदी में घुस गया था। इसी दौरान एक मगरमच्छ उसे पानी के भीतर खींचकर ले गया। जानकारी होने पर कुछ युवा ग्रामीण बालक को बचाने के लिए रस्सी व जाल लेकर नदी में कूद गए थे।
कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने जाल व रस्सी की मदद से मगरमच्छ को नदी से बाहर निकाला था। ग्रामीणों का कहना था कि मगरमच्छ बालक को जिंदा निगल गया है। लाठी-डंडों के वार से मगरमच्छ घायल हो गया था। घटना की सूचना पर वन विभाग व पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों के चंगुल से मगरमच्छ को छुड़ाया। लेकिन ग्रामीण मगरमच्छ के पेट से बालक को बाहर निकालने की मांग पर अड़ गए।
घटना स्थल पर जुटी लोगों की भीड़।
इस पर पुलिस व वन विभाग की टीम ने रात करीब 11 बजे पशु चिकित्सक की देखरेख में मगरमच्छ के पेट का एक्सरे कराया। एक्सरे में मगरमच्छ के पेट में कुछ भी दिखाई नहीं दिया। सोमवार को वन विभाग की टीम घायल मगरमच्छ को इलाज के लिए पंतनगर पशु अस्पताल ले जा रही थी लेकिन रास्ते में ही मगरमच्छ की मौत हो गई।
मगरमच्छ का शिकार बना 11 साल का वीर।

वन विभाग ने तराई पूर्वी वन क्षेत्र किशनपुर में मगरमच्छ का पोस्टमार्टम कराया। खटीमा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी आरएस मनराल ने बताया कि पोस्टमार्टम में भी मगरमच्छ के पेट में बालक का कोई अंग नहीं मिला। पोस्टमार्टम के बाद मगरमच्छ को जला दिया गया है।
घटना के बाद से लोगों में आक्रोश

इधर, एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि नदी में डूबे बालक वीर सिंह की तलाश में टीम लगी हुई है। मंगलवार को भी बचाव अभियान चलाया जाएगा। मगरमच्छ को लाठी-डंडों से पीटकर घायल करने वाले ग्रामीणों को वन विभाग चिह्नित करने में जुट गया है। चिह्नीकरण के बाद आरोपी ग्रामीणों पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

मगरमच्छ

खटीमा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी आरएस मनराल ने बताया कि मगरमच्छ के बालक को जिंदा निगलने के शक में कुछ ग्रामीणों ने मगरमच्छ को लाठी-डंडों से मारा था। गंभीर चोटें आने से मगरमच्छ की मौत हो गई। वीडियो फुटेज से मगरमच्छ को मारकर घायल करने वाले ग्रामीणों को चिह्नित किया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।