सोलन जिले में 8,100 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती होती है। 65 फीसदी क्षेत्रों के किसान बारिश के इंतजार में हैं। टमाटर, शिमला मिर्च समेत दूसरी सब्जियों को अधिक नुकसान पहुंच रहा है।
बारिश न होने से टमाटर-शिमला मिर्च सहित दूसरी सब्जियां सूखे की चपेट में आ गई हैं। तेज धूप से शिमला मिर्च और टमाटर पूरी तरह से मुरझा गए हैं। दो सप्ताह पूर्व बारिश हुई है, लेकिन इसकी नमी ज्यादा दिन तक खेतों में नहीं रह पाई। पिछले चार दिन से बढ़ते तापमान से सब्जियां सूखने लगी हैं। सबसे अधिक नुकसान टमाटर और शिमला मिर्च को पहुंच रहा है। सोलन में 8,100 हेक्टयेर भूमि पर टमाटर की खेती होती है। 90 प्रतिशत किसानों की आय का मुख्य साधन टमाटर ही है।
जिले के 65 प्रतिशत किसान बारिश पर ही निर्भर हैं। बारिश न होने से संबंधित क्षेत्रों के किसान परेशान हो गए हैं। सिंचाई वाले क्षेत्रों में भी रोजाना फसलों की सिंचाई करनी पड़ रही है। तेज धूप से एक दिन में ही खेतों की नमी सूख रही है। इस कारण इन क्षेत्रों में भी फसलें मुरझाना शुरू हो गई हैं। किसानों की माने तो तेज धूप के साथ टमाटर के पौधों को बीमारियों ने भी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। पौधे का तना काला पड़ने के बाद नष्ट हो रहा है। एक सप्ताह में बारिश नहीं हुई तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कृषि उप-निदेशक डीपी गौतम ने बताया कि जिले में 8,100 हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती होती है। 65 फीसदी क्षेत्रों के किसान बारिश के इंतजार में हैं। टमाटर, शिमला मिर्च समेत दूसरी सब्जियों को अधिक नुकसान पहुंच रहा है। शिमला मिर्च के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। समय पर बारिश न हुई तो फसल सूख जाएगी।