जेबीटी प्रशिक्षु अपने आप को बेहद ढगा से महसूस कर रहे हैं। क्योंकि अचानक एक फैसले ने उनके भविष्य को बेहद प्रभावित कर दिया है। जिसके चलते वह धरना प्रदर्शन कर रहे है अपनी मांगो को लेकर वह सरकार पर दवाब बनाने का प्रयास कर रहे है। रोष व्यक्त करने के लिए उन्होंने कक्षाओं को बहिष्कार किया है और परीक्षाओं का भी बहिष्कार उनके द्वारा किया जा रहा है। उनका मानना है कि जब पढ़ कर और परीक्षा दे कर उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है तो ऐसी शिक्षा लेने का क्या फायदा। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि वह कक्षाओं का बहिष्कार कर रहे हैं और उनका यह आंदोलन यूँ ही जारी रहेगा।
जेबीटी कर रही प्रशिक्षु अलका वर्मा ने बताया कि जो आदेश आए हैं उसके अनुसार बीएड के टीचर भी अब जेबीटी टीचर की तरह ही बच्चों को पढ़ा सकेंगी। लेकिन यहाँ आपत्ति यह है कि जेबीटी कर रहे विद्यार्थियों को तो बच्चों को कैसे पढ़ाया जाता है उन्हें कैसे समझाया जाता है इसकी शिक्षा दी जाती है। लेकिन बीएड अध्यापकों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जाती। इस लिए बीएड को यह जिम्मेवारी नहीं दी जानी चाहिए। दूसरा यह है कि जब वह जेबीटी में आए थे तो उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं दी गई थी कि उन्हें अपने से अधिक पढ़े बीएड के विद्यार्थियों के साथ पर्तिस्पर्धा करनी पड़ेगी। जो उनके साथ अन्याय है। जिसके खिलाफ कल वह सभी जेबीटी प्रशिक्षु शिमला जा कर धरना प्रदर्शन करेंगे और अपनी मांगों को प्रदेश सरकार के समक्ष रखेंगे।