सोलन में शूलिनी निजी बस ऑपरेटर यूनियन ने अपनी मांगो को लेकर जिलाधीश के सी चमन के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों से अवगत करवाया | उन्होंने इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की है कि वह घाटे में अपनी बसों को नहीं चलाएंगे | उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने यह आदेश तो दे दिए है कि 60 प्रतिशत पर निजी बस चालक बसों को चलाएंगे और पुराना किराया ही वसूलेंगे लेकिन उनका खर्चा कैसे पूरा होगा इस बारे में एक पल के लिए भी नहीं सोचा | उन्होंने कहा कि जब बाहरी राज्यों में बसें जानी थी तो निजी बस चालकों ने जान हथेली पर रख कर प्रदेश सरकार का साथ दिया और हर आदेश को माना लेकिन अब प्रदेश सरकार उनकी बात नहीं मान रही है जिसकी वजह से आम जनता बेहद परेशान हो रही है |
शूलिनी निजी बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष रघुविंद्र मेहता ने कहा कि आज उनके द्वारा प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा गया है | जिसमें मांग की है कि वह या तो बसों का किराया बढ़ाए या फिर 60 प्रतिशत वाली शर्त को हटा लें या 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाए | उन्होंने कहा कि सरकार की शर्त के अनुसार अगर वह बसों को चलाएंगे तो आमदनी कम और खर्चा ज़्यादा होगा | उन्होंने यह भी कहा कि वह कोरोना संकट में किसी भी तरह का दवाव अधिक मुनाफा कमाने के लिए सरकार पर नहीं बना रहे है और न ही हिमाचल की जतना की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ़ करना चाहते है उन्होंने कहा कि जो शर्तें सरकार ने निजी बस चालकों पर थोपी गई है उन शर्तों पर बसों को चलाना बेहद मुश्किल है |