सोलन, 20 सितंबर : भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य व विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दौड़ में शामिल तरसेम भारती को कंडाघाट कोर्ट ने 18 माह की सजा सुनाई है। अदालत के फैसले के बाद तरसेम भारती के राजनीतिक कैरियर पर सवालिया निशान भी लग गए हैं।
बता दें कि इन दिनों सभी की नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई थी।
दरअसल मामला, 8 साल पहले का है। 15 अक्तूबर 2014 को वाकनाघाट में ग्रामीण दाह संस्कार के लिए शवयात्रा को हालड्ड नाला श्मशानघाट में ले जा रहे थे। वो तरसेम भारती के स्टोन क्रशर के नीचे से गुजर रहे थे। इसी दौरान ऊपर से पत्थर गिरना शुरू हुए।
ग्रामीणों ने मौके पर लगी पोकलेन मशीन के ऑपरेटर को कुछ देर काम रोकने का आग्रह किया, लेकिन उसने काम जारी रखा। जिसके चलते बडे़ पत्थर नीचे की और गिरने लगे। भगदड़ के कारण शवयात्रा में शामिल दो लोगों की मौत भी हो गई थी, जबकि दो लोग घायल हुए थे।
घटना के बाद स्टोन क्रशर के मालिक तरसेम भारती व पोकलेन ऑपरेटर के खिलाफ आईपीसी की धारा 304ए, 336 व 337 के तहत मुकदमा भी दायर हुआ था। 8 साल की कानूनी जंग के बाद मंगलवार को कंडाघाट की ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट (फर्स्ट क्लास) ने अपना फैसला सुनाया। तरसेम भारती को लापरवाही से दो लोगों की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए अदालत ने 18 माह की सजा का फैसला सुनाया।
कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक हलचल स्वाभाविक थी, क्योंकि तरसेम भारती भाजपा में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वहीं आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट की दौड़ में भी शामिल हैं। अब देखना होगा कि अदालत के फैसले के बाद अगला कदम क्या होगा।