पांच टेलीस्कोप से गोमतीनगर में देख सकेंगे सूर्यग्रहण, लखनऊ में भी मोक्ष शाम 5.20 पर

Solar Eclipse 2022 Time: लखनऊ में आंशिक सूर्यग्रहण 4 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 29 मिनट तक ही दिखाई देगा। इस समय सूर्य का करीब 36.93 प्रतिशत भाग चंद्रमा की छाया से ढका नजर आएगा। लखनऊ में सूर्यग्रहण की अवधि अधिकतम 53 मिनट की होगी।

सूर्यग्रहण देखने की तैयारी
सूर्यग्रहण देखने की तैयारी

लखनऊ में गोमतीनगर स्थित मरीन ड्राइव के नीचे गोमती तट पर मंगलवार को टेलीस्कोप से सूर्यग्रहण का नजारा निशुल्क देखा जा सकेगा। यह आयोजन इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के यूपी अम्च्योर एस्ट्रोनामर्स क्लब द्वारा किया जा रहा है।

नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मरीन ड्राइव पर कुल पांच टेलीस्कोप लगाए जाएंगे। जिसमें चार टेलीस्कोप से जनसामान्य खगोलीय घटना के साक्षी बनेंगे। वहीं, एक टेलीस्कोप से फोटोग्राफी की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि लखनऊ में आंशिक सूर्यग्रहण 4 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 29 मिनट तक ही दिखाई देगा। इस समय सूर्य का करीब 36.93 प्रतिशत भाग चंद्रमा की छाया से ढका नजर आएगा। लखनऊ में सूर्यग्रहण की अवधि अधिकतम 53 मिनट की होगी।

सूर्य ग्रहण का खलल गोवर्धन पूजा व दूज एक दिन आगे बढ़ी

सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा 25 के बजाय 26 को होगी। ज्योतिषाचायों के मुताबिक, 25 को सूर्य ग्रहण है। भारत में यह शाम 4:29 से 5:42 तक दिखाई देगा। सूतक सामान्यत: 12 घंटे पहले से माना जाता है। लखनऊ में शाम को 4:38 से 5:24 तक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। ग्रहण के अगले दिन उदयव्यापिनी प्रतिपदा तिथि में गोवर्धन पूजा होगी। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि को इसे मनाया जाएगा। वहीं,  उदया तिथि में दूज का मान न मिलने के कारण भैयादूज 27 अक्तूबर को मनाई जाएगी। दरअसल दूज का मान 26 अक्तूबर को दोपहर 3: 36 मिनट के बाद मिल रहा है। संध्या कालीन लग्न ग्राह्य नहीं होता। उदया तिथि में दूज का मान 27 अक्तूबर को दिन भर रहेगा, इसलिए भैयादूज इसी दिन मनाई जाएगी।

कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा की जाती है। इसमें भगवान कृष्ण गाय और बैलो का पूजन करते है। दीपावली के अगले दिन भगवान श्री कृष्ण के निर्मित दीपक जलाकर अन्नकूट का प्रसाद अर्पित करते है और सांयकाल राजा बली और भगवान विष्णु का पूजन करतें है।25 अक्टूबर को खंडग्रास सूर्य ग्रहण होने के कारण गोवर्धन पूजा और अन्नकूट 26 अक्टूबर को होगी।  गोवर्धन पूजा मुहूर्त  प्रात: 6:16 से  8 29 तक श्रेष्ठ  है

भाईदूज  एवं  श्री चित्र गुप्त पूजा 27 अक्टूबर भाईदूज का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल भाई दूज का त्योहार  27 अक्टूबर  को मनाया जाएगा और इसी पर्व के साथ पंच दिवसीय दीपोत्सव का समापन भी हो जाता है. रक्षाबंधन की तरह से त्योहार भी भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है. ये दिन भाई बहन के लिए सबसे ज्यादा खास होता, क्योंकि इस दिम बहनें अपने भाइयों को अपने घर भोजन के लिए बुलाती है और उन्हें प्यार से खाना खिलाती है भैया दूज पर बहनें भाईयों के माथे पर तिलक लगाती हैं, उनकी सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना करती हैं.  इस दिन यमुना में डुबकी लगाने की परंपरा है. यमुना में स्नान करने का बड़ा ही महत्व इस दिन बताया गया है,  भाईदूज- यम द्वितीया को यमुना नदी या यमुना का स्मरण कर स्नान करना चाहिए। और दोपहर में बहन से तिलक कराके  उसे उपहार प्रदान करें। कायस्थ समाज के लोग यमद्वितीया के दिन अपने कुलप्रमुख चित्रगुप्त जी का और कलम दावत पूजन पूजन करते है।

सीतापुर : किस राशि पर सूर्य ग्रहण का कैसा रहेगा प्रभाव

इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण आज है। यह सूर्य ग्रहण  देश के किसी भी शहर में देखा जा सकता है। सीतापुर में सूर्यग्रहण का सूतक काल ग्रहण से चार घंटे पहले लगेगा। ग्रहण यहां 4:37 से शुरू होगा। लिहाजा, सूतक काल दोपहर 12:30 बजे से शुरू हो जाएगा। धार्मिक मान्यता के मुताबिक नैमिषारण्य के प्रमुख मंदिरों में ब्रम्ह बेला में सफाई के बाद जल से प्रांगण को धुल कर सूतक काल से पहले ही भगवान को विश्राम दे दिया गया।

आचार्य सदानंद द्विवेदी ने बताया आज का सूर्य ग्रहण भारत मे दृश्य होगा। लखनऊ में गृहण स्पर्श सायं 4:37 से मध्य 5:23 और सूर्यास्त 5:29 पर है। ग्रहण का मोक्ष 6:32 पर होगा, जो भारत में नही दिखेगा। यह ग्रहण  स्वाति नक्षत्र तुला राशि पर पड़ेगे। इसके अलावा मेष राशि वालो को स्त्री पीड़ा मिलेगी। वृष राशि वालो को सौख्य, मिथुन राशि वालो को चिन्ता, कर्क राशि वालो को व्यथा, सिंह राशि वालो को श्री वृद्धि, कन्या राशि वालों को क्षति, तुला राशि वालो को घात, वृश्चिक राशि वालों को हानि, धनु राशि वालो को लाभ, मकर राशि वालो को सुख, कुंभ राशि वालो को मान नाश, मीन राशि वालों को मृत्यु तुल्य कष्ट मिल सकता है।

अरिष्ट फल से बचने के उपाय
आचार्य ने बताया कि ग्रहण काल में सॉफ्ट जातियों को दान करना चाहिए। ग्रहण समाप्त होने पर स्नान कर ब्राह्मणों को दान करना चाहिए। सूर्य ग्रहण में गंगा, प्रयाग, पुष्कर, कुरुक्षेत्र हत्या हरण चक्रतीर्थ मे स्नान का शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया हैl गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण काल में चिल्ला काटना, बाहर निकलना वर्जित रहता है। अन्यथा गर्भस्थ शिशु को कष्ट होता है। ग्रहण के समय गर्भवती स्त्री पेट पर गेरू व गोबर का लेप लगा ले। खाद्य सामग्री में कुश या तुलसीदल डाल दें। ग्रहण के दौरान भगवान के पट बंद कर दें। पूजन ना करें। उस दौरान सिर्फ जाप करें।