सोलर एनर्जी अब किसानों के लिए बन रही वरदान, सिंचाई के लिए नहीं हैं बिजली पर निर्भर

हिमाचल प्रदेश में सौर ऊर्जा अब किसानों के लिए भी वरदान साबित होने लगी है। सरकाघाट उपमंडल के बलद्वाड़ा क्षेत्र में गांव बारी में सोलर सिंचाई योजना किसानों के लिए आर्थिक हरियाली की सौगात लेकर आई है। बंजर भूमि में अब नगदी फसलें लहलहरा रही हैं। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ता की ओर कदम बढ़ा रही है।

बारी गांव में सोलर सिंचाई योजना से क्षेत्र की लगभग 30 हैक्टेयर भूमि के लिए सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध होने से अब किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ नगदी फसलें भी उगा रहे हैं। इससे पूर्व  गांव के लोग वर्षा जल पर निर्भर थे, लेकिन पानी के महत्व को समझते हुए कृषि विभाग के सहयोग से बारी में खड्ड पर चैकडैम बनाकर सोलर सिंचाई योजना का निर्माण किया।

इसके लिए गांव के लोगों ने कृषक विकास संघ का गठन करके भू-संरक्षण अधिकारी सरकाघाट के तकनीकी मार्गदर्शन से सोलर योजना को क्रियान्वित किया गया। इस योजना के तहत बारी गांव के किसानों को शून्य लागत पर सोलर ऊर्जा के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।

योजना के तहत चेक डैम, सामुदायिक जल वितरण टैंक व सोलर पंप आदि विभाग द्वारा मुफ्त स्थापित किए गए। अब किसानों को शून्य लागत पर सिंचाई सुविधा मिल रही है। किसान अब नगदी फसलों के साथ-साथ अपने खेतों में खीरा, बैंगन, घीया, प्याज, लहसुन, गंदम, धान, मक्की व गन्ने की फसल उगा रहे हैं। इससे किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हुई है। योजना से लाभान्वित हुए लाभार्थी किसानों ने कहा कि सोलर ऊर्जा के माध्यम से खेतों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने से उनके गांव में आज खुशहाली आई है। अब वे शून्य लागत पर सिंचाई सुविधा मिलने से नगदी फसलें उगा रहे हैं।

उपमंडलीय भू-संरक्षण अधिकारी सरकाघाट धर्मपाल ठाकुर ने कहा कि विभाग ने गांव में बारी नाला पर सामुदायिक आधार पर 8 लाख रुपये की लागत से 10 एचपी  की क्षमता का सोलर पंप स्थापित कर 24.59 लाख रुपये से चेकडैम का निर्माण किया है। इसकी जल भंडारण क्षमता 47210 घन मीटर है। उसके बाद एक लाख 10 हजार रुपए से 30 घन मीटर क्षमता का सामुदायिक वितरण टैंक भी बनाया है। इस पर 16 वितरण चैंबर स्थापित किए गए हैं। अब गांव के लोगों ने पारंपरिक फसलों के साथ-साथ नगदी फसलें उगाना आरंभ की है, जिससे बारी गांव के 65 लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है।