- आपने भारत में बाढ़ के कारण होने वाली तबाही का नजारा न्यूज चैनलों पर तो देखा ही होगा. बिहार से लेकर असम और अन्य कई राज्यों में पानी की वजह से सैलाब आ जाता है. यही हाल दुनिया के दूसरे देशों में भी कई बार बारिश के सीजन में देखने को मिल जाता है. पर आपको जानकर हैरानी होगी कि बाढ़ का कारण हमेशा ही पानी नहीं होता. आज हम आपको दुनिया से जुड़े वो 6 मौके बताएंगे (6 Strange Floods in the world) जब पानी नहीं, बल्कि खाने-पीने (Flood of water and food in the world) की चीजों से जुड़ी बाढ़ ने लोगों को परेशान कर दिया था. इनमें से कुछ तो मामूली किस्से हैं मगर कई में हादसा बड़ा हो गया था.
ऑडी वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में जर्मनी के एक गांव वेस्टोनेन (Westonnen, Germany) में चॉकलेट की बाढ़ आ गई थी. दरअसल, उत्तर पश्चिमी जर्मनी में एक चॉकलेट फैक्ट्री थी जिसे ड्रीमिस्टर द्वारा संचालित किया जाता था. इस फैक्ट्री का एक चॉकलेट टैंक फट गया जिसके कारण 10 दिसंबर को रात 8 बजे पिघली हुई चॉकलेट (Chocolate flood in Germany) पूरे इलाके में फैल गई. वो सड़कों तक आ गई थी मगर गनीमत ये हुई कि कोई भी इसकी चपेट में नहीं आया. ठंड ज्यादा होने के कारण कुछ ही देर में वो जमकर सख्त हो गई थी. तब फायर ब्रिगेड ने उसे साफ किया जिसमें कुल 2 घंटे का वक्त लगा. सारी चॉकलेट को फेंक देना पड़ा था.
साल 2020 में जब दुनिया कोविड से जूझ रही थी तब अमेरिका के कैलिफोर्निया में हील्ड्सबर्ग के रॉडनी स्ट्रॉन्ग वाइनयार्ड में रेड वाइन (Red wine flood in california) बह गई. वाइनरी में बेहद विशाल टैंक था जो लीक कर गया जिसके कारण वो 97,000 गैलन वाइन बहकर पास की रशियन रिवर में बहने लगी. इस हादसे में कोई घायल तो नहीं हुआ मगर पानी के अंदर रहने वाले जीवों को वाइन से जरूर नुकसान हुआ होगा.
यूक्रेन के साथ युद्ध के दौरान पेप्सी (russian pepsi fruit juice flood) ने अपने कामकाज को रूस से बंद कर दिया है मगर उससे पहले वो वहां काफी स्क्रीय था और उनका बिजनेस भी अच्छाखासा चलता था. साल 2017 में मॉस्को के पास एक छोटे शहर लेबेदायन में पेप्सी फैक्ट्री की छत गिर गई थी. इस वजह से मलबा टैंक पर गिरा और फैक्ट्री में बनने वाले टमाटर, संतरा, अंगूर आदि के जूस का रिसाव हो गया. वो सीधे पास की नदी (fruit juice flood in russia) में बह गया. हादस में दो लोग घायल हुए थे मगर उन्हें ज्यादा चोटें नहीं आई थीं.
18 जून 1875 को आयरलैंड के डबलिन (Dublin, Ireland) में बेहद चौंकाने वाला हादसा हुआ. रात के 8 बजे अचानक मैलोन मॉल्ट हाउस में आ लग गई. ये व्हिस्की (Whiskey fire and flood in dublin) की एक बड़ी यूनिट है. व्हिस्की के 5000 बैरल में आग लग गई. इस वजह से चारों ओर आग फैलने लगी. इस कारण आसपास की इमारतों में भी आग लग गई थी. इस हादसे में 13 लोगों की जान चली गई. आपको लगेगा कि 13 लोग आग में झुलसकर मर गए. पर ऐसा नहीं है. विस्फोट के कारण सड़क पर व्हिस्की की बाढ़ आ गई. बरबादी देखकर कई लोग सड़क पर बह रही शराब को ही उठाकर पीने लगे. इस चक्कर में उन्हें फूड पॉइजिनिंग हो गई और उनकी मौत हो गई.
साल 1814 में हॉर्स शू ब्रुवरी में सैंकड़ों गैलन बियर (Beer flood in London) से भरे बैरल फट गए. इस चक्कर में लंदन की सड़कों पर बाढ़ आ गई. बियर की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि बाढ़ में 15 फीट ऊंची लहर आ गई. उस लहर के सामने जो भी आया उसकी मौत हो गई. हादस में करीब 8 लोग मारे गए. वहीं कोर्ट ने विचित्र फैसला सुनाते हुए इसे प्राकृतिक आपदा यानी एक्ट ऑफ गॉड बताया और इस वजह से बियर कंपनी को मरने वालों के परिवारों को मुआवजा नहीं देना पड़ा.