कहते हैं मां धरती पर भगवान का दूसरा रूप है. जब सारी दुनिया आपके खिलाफ हो तब भी मां आप पर भरोसा जताती है. ये एक मां का विश्वास ही है जो असंभव दिखने वाली चीज भी संभव बना देता है. मुजफ्फरपुर से सामने आई एक खास मामले ने एक बार फिर से उक्त बातों को सच साबित कर दिया है.
40 साल बाद बेटा लौटा घर
यहां, 40 साल पहले एक मां अपने बेटे से बिछड़ गई थी. लोगों ने ये मान लिया था कि उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन मां का दिल ये मानने को कभी तैयार नहीं था. अब 40 साल बाद मां के विश्वास की जीत हुई है और उसका बिछड़ा हुआ बेटा उसे वापस मिल गया. 40 साल बाद अपने बेटे को सामने देख मां की आंखें बरसने लगीं.
न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 40 साल पहले मुजफ्फरपुर में एक बेटा अपनी मां से बिछड़ गया था. उनकी बहुत तलाश की गई लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला. अब उसे घर से गायब हुए इतने साल बीत चुके थे कि घर के लोगों ने उसे वापस पाने की उम्मीद ही छोड़ दी थी कि. सभी को यकीन था कि अब वो बेटा कभी वापस नहीं लौटेगा मगर दूसरी तरफ 70 वर्षीय मां शामपति देवी की उम्मीद आज तक जिंदा थी.
उन्हें पूरा यकीन था कि एक ना एक दिन उनका बेटा जरूर लौटेगा. एक मां ने इसी यकीन में 40 साल बिता दिए और बूढ़ी हो रही आंखों से बेटे का इंतजार करती रही. ये एक तरह का चमत्कार ही था कि 12 मई को उस बूढ़ी मां का यकीन सच साबित हुआ और अचानक उसका बेटा 40 साल बाद घर लौट आया.
14 साल की उम्र में हुआ था गायब
मीडिया से बात करते हुए बूढ़ी मां शामपति देवी ने बताया कि जब उनका बेटा बृजकिशोर गायब हुआ तब उसकी उम्र 14 साल थी. इस छोटी सी उम्र में वह गांव के ही एक गुलाब नामक व्यक्ति के साथ कमाने के लिए बाहर गया था. उसके बाद से ही वो अचानक गायब हो गया और फिर घर नहीं लौटा. परिजनों का आरोप है कि उनके बेटे को बेच दिया गया था. कई वर्षों तक खोजबीन करने के बाद भी बेटा नहीं मिला तो बेटे के वियोग में पिता लालदेव सिंह की मौत हो गई.
बंधुआ मजदूर बना दिया गया था
अब करीब 40 साल के बाद शुक्रवार को अचानक बूढ़ी मां का विश्वास सच साबित हुआ और उसका बेटा बृजकिशोर वापस घर लौट आया. उनकी तबियत ठीक नहीं है. वह बेहद कमजोर हो चुके हैं. उनका आरोप है कि उनके साथ बहुत बुरा हुआ है. उनका शोषण किया गया. उन्होंने बताया कि उनके गांव के ही गुलाब के साथ काम के लिए बाहर गया था, लेकिन वहां जाने के बाद उन्हें बंधुआ मजदूर बना दिया गया.
बृजकिशोर ने मीडिया से बताया कि उसके साथ अलग अलग फैक्ट्री और दुकानों में शोषण होने लगा. उससे काम तो कराया जाता था लेकिन उसके बदले पैसे नहीं मिलते थे. इनकी जिंदगी अलग अलग अस्पतालों में और मंदिर में कट गई. पैसे के अभाव में वह कुछ नहीं कर पा रहा था. बहुत मुश्किल से किसी तरह अब वह घर पहुंचा है.