सोनाली फोगाट का राजदार राजेश बिश्नोई बोला- चुनाव हराने में भी सुधीर सांगवान का हाथ था

चंडीगढ़. हरियाणा की भाजपा नेत्री और टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट के मर्डर केस में रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं. फिलहाल, गोवा पुलिस मामले की जांच कर रही है और हरियाणा में भी जांच के लिए पहुंची है. इसी बीच सोनाली फोगाट के कई साल पुराने राजदार राजेश बिश्नोई ने न्यूज़-18 से बातचीत की और आरोपी सुधीर सांगवान को लेकर कई राज खोले हैं. राजदार राजेश ने बताया कि सोनाली को चुनाव हराने में सुधीर सांगवान का हाथ है और यदि सीबीआई जांच होगी तो बड़े खुलासे होंगे.

राजेश ने बताया कि मैं सन 2011 से सोनाली जी को जानता हूं. जैसे ही आदमपुर में उन्हें टिकट मिली, तब जो भी लीगल वर्क था, वह मैंने किया था. यह सारी प्रॉपर्टी हिसार की है, जिसमें सुधीर ने एक कंपनी बनाई थी और उसके नाम पर लीज करवाना चाहता था. जो हिसार से बाहर की प्रॉपर्टी है, उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है.

साल 2019 में जैसे ही चुनाव आए, वो (सुधीर सांगवान) पीए बनकर उनके साथ काम करने लगा. शुरुआत में हमारा इलेक्शन बहुत अच्छा चल रहा था. सबको लग रहा था कि सोनाली फोगाट जीतेगी, लेकिन अंतिम तीन-चार दिनों में कुछ ऐसा हुआ कि सोनाली जी चुनाव हार गई और यह सब सुधीर की वजह से हुआ था. उसका उन्हें हराने में बहुत अहम रोल था. राजेश ने बताया कि हिसार में प्रॉपर्टी है. तीन-4 दुकानें हैं. एक संत नगर में घर है. नोएडा में भी फ्लैट था, उस अड्रेस का मुझे ध्यान नहीं है. बाकी सुधीर सांगवान के आने के बाद इन्होंने कौन सी प्रॉपर्टी बनाई या परचेज की, उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है.
जब फार्महाउस की हट बन रही थी तो मैंने वहां पर काम करने वालों का काम को देखा था. कुछ समय पहले ही फार्म हाउस बनकर तैयार हुआ था. पहले तो सोनाली बोल रही थी कि इस फार्म हाउस को हम खुद चलाएंगे, लेकिन इसे किसी बड़े होटल इंडस्ट्री को चलाने के लिए भी उनकी बात चलाई थी. हालांकि, फिर उन्होंने खुद ही इसे चलाना शुरू किया.

जो सुधीर का रवैया था, सभी ने सोनाली को समझाया था कि आदमी ठीक नहीं है, यह वह नहीं समझी तो फिर हमें कहना छोड़ दिया. जब वह ऑस्ट्रेलिया गई थी, उस समय सुधीर हिसार में उनके फार्म हाउस में ही रहा था. वह किसी हरियाणवी कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलिया में गई थी, मेरे से बहस नहीं हुई थी लेकिन उसने सोनाली जी को मेरे बारे में बहुत कुछ कहा, जिसके बाद मैं खुद ही दूर हो गया. मुझे इन दस्तावेजों की कोई जानकारी नहीं थी. उनके भाई ने मुझे बताया कि ऐसे प्रॉपर्टी के दस्तावेज हैं, जिसके बाद उस वकील के पास में गया और हमने दस्तावेजों को निकाल कर देखा. हैदराबाद में यह फिल्म सिटी में गई थी. कोई शूटिंग वगैरह के लिए, इन दस्तावेजों के लिए मेरी तरफ से किसी तरह का कोई कागज तैयार नहीं किए गए थे. कोई दूसरा ही वकील सुधीर ने करवाया था, ताकि किसी को इसकी भनक ना लगे. क्योंकि किसी परिवार के सदस्य को भी इसकी जानकारी नहीं देना चाहता था.

मैं भी चाहता हूं कि सीबीआई इंक्वायरी होनी चाहिए

राजेश ने बताया कि तीन टोकन का मतलब है कि उस डेट को आपको आना है. पहला टोकन कटा तो उस डेट को आपको आना होगा, नहीं आए तो फिर दोबारा टोकन करना होगा. अगर आप दूसरी बार भी मौके पर मौजूद नहीं हुए तो तीसरी बार भी टोकन कटेगा. क्योंकि सोनाली का उस टाइम पर बिजी शेड्यूल था, तिरंगा यात्रा चल रही थी, इसलिए वह आ नहीं पाई. वरना प्रॉपर्टी वाला यह काम उनका हो जाता. बाकी गोवा पुलिस तहसीलदार से डिटेल ले रही है. उस दिन वह कौन सा डॉक्यूमेंट लेकर गया था, इसकी जानकारी तहसीलदार ही दे सकते हैं. मैं भी चाहता हूं कि सीबीआई इंक्वायरी होनी चाहिए. क्योंकि इसमें कोई पॉलिटिकल साजिश भी है. इसकी पूरी जांच होनी चाहिए.