उत्तर प्रदेश के आगरा के दो भाई इन दिनों अपने नेक कार्य के लिए चर्चा में हैं. इन दोनों भाइयों की लगन और मेहनत देख कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इनकी तारीफ करते हुए इनका उत्साहवर्धन किया है. उन्होंने फोन पर दोनों भाइयों से बात करते हुए कहा कि ‘आप पर देश और समाज को नाज है’. इन दोनों भाइयों के प्रयासों से गांव के लोगों के शुद्ध जल मिला है. इनके इन प्रयासों की अब हर तरफ सराहना हो रही है.
दो भाइयों ने 10000 लोगों तक पहुंचाया शुद्ध पानी
ये कहानी है आगरा के अछनेरा ब्लॉक क्षेत्र के कचौरा गांव के रहने वाले दो सगे भाइयों कुंवर सिंह व श्याम सिंह की. श्याम सिंह भारतीय सेना का हिस्सा रहे हैं, 31 जुलाई 2018 को वह रिटायर होने के बाद घर लौट आए. गांव आकर उन्होंने देखा कि गांव के करीब 10 हजार की आबादी के लिए शुद्ध जल ना मिलना सबसे बड़ी समस्या है. श्याम को ये समस्या बहुत बड़ी लगी और उन्होंने इस संबंध में अपने भाई कुवंर सिंह, जो गांव के प्रधान हैं, से बात की.
अब दोनों भाई इस समस्या का निवारण खोजने में लग गए थे. दोनों ने मिलकर प्लान तैयार किया. इस प्लान में बहुत पैसा लगने वाला था लेकिन श्याम के लिए ये बड़ी समस्या नहीं थी क्योंकि उन्होंने ये फैसला कर लिया था कि वह गांव के लोगों के लिए स्वच्छ जल की व्यवस्था करने में रिटायरमेंट में मिली जीवनभर की सारी कमाई खर्च कर देंगे. दोनों भाइयों की योजना थी कि वे गांव से तीन किलोमीटर दूर से मीठे पानी की पाइपलाइन बिछाएंगे.
सारी जमा-पूंजी खर्च कर किया ये नेक काम
अगस्त 2018 में अपने खुद के खर्च पर दोनों भाइयों ने पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया. इसके लिए सबसे पहले दोनों भाइयों को मीठे पानी का स्रोत खोजना था. उन्हें ये मीठे पानी का स्रोत गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर बस्तई गांव के पास एक नहर पर मिला. इसके बाद दोनों भाइयों ने यहां एक जमीन खरीदी और बोरिंग कराई और वहां से गांव के लिए पाइपलाइन बिछाना शुरू किया.
ये सारी प्रक्रिया लगभग एक साल में पूरी हुई. दोनों भाइयों की मेहनत के कारण साल 2020 के अंत तक कचौरा गांव के हर घर तक पानी पहुंचा. इस सपने को पूरा करने के लिए रिटायर फौजी श्याम ने अपनी पूरी कमाई लगा दी. अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक गांव के ही निवासी प्रदीप सिंह व मुकेश दीक्षित ने बताया कि, जमीन खरीदने से लेकर पाइपलाइन बिछाने में करीब 32 लाख रुपए खर्च हुए. इसमें पांच लाख रुपये में जमीन खरीदने और 27 लाख रुपये बोरिंग और पाइनलाइन बिछाने में खर्च हुए.
मां का सपना किया पूरा
गांव के घर घर तक मीठा पानी पहुंचाने का सपना इन दोनों भाइयों से पहले इनकी मां देवी ने देखा था. वह जब साल 2000 में गांव की प्रधान बनीं, तब से ही पानी की समस्या को खत्म करना चाहती थीं. मगर, उस समय आर्थिक सहायता ना मिल पाने के कारण उनका ये सपना पूरा ना हो सका. 2020 में कुवंर सिंह जनता द्वारा प्रधान चुने गए. छोटे भाई श्याम सिंह के रिटायर होने के बाद एकमुस्त पैसा मिला तो परिवार के लोगों से बातचीत की. इसके बाद पानी की पाइपलाइन बिछवाने का काम हो सका. और इस तरह दोनों भाइयों ने अपनी मां का देखा हुआ सपना पूरा कर दिया.
पीएम ने भी की तारीफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कुंवर सिंह और श्याम सिंह के काम की सराहना की है. दोनों भाइयों के अनुसार कुछ दिन पहले उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया था, उन्हें कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपसे बात करेंगे. इसके बाद पीएम ने दोनों भाइयों से फोन पर बात की. और दोनों के काम को खूब सराहा. इसको लेकर उनका पूरा परिवार और गांव बहुत खुश है. रविवार को दोनों भाइयों को राजभवन, लखनऊ बुलाया गया. वहां उन्होंने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के साथ मन की बात सुनी.