नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा समय में बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं. गांगुली का जन्म आज ही के दिन 8 जुलाई 1972 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ था. सौरव गांगुली के पिता का नाम चंडीदास और मां का नाम निरूपा गांगुली है. इसके अलावा उनके बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली, पत्नी डोना गांगुली और बेटी का नाम सना गांगुली है. सौरव के पिता चंडीदास एक सफल व्यवसायी थे. गांगुली ने अंडर-19 क्रिकेट से लेकर सीनियर टीम तक अपना परचम लहाराया. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया 2003 के वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी. उनका कोच ग्रेग चैपल के साथ विवाद भी हुआ और इस कारण वे टीम से बाहर भी हो गए थे.
क्रिकेट जगत में सौरव गांगुली के चाहने वाले लोग उन्हें प्यार से ‘दादा’ कहते हैं. गांगुली की अगुवाई में भारतीय ने कई ऐतिहासिक मुकाबले अपने नाम किए. भारतीय टीम ऑस्ट्रलिया में वनडे टूर्नामेंट जीता. इंग्लैंड में नेटवेस्ट ट्रॉफी पर कब्जा जमाया. यही नहीं भारतीय टीम साल 2005 में पाकिस्तान को भी टेस्ट सीरीज में धूल चटाने में कामयाब रही थी. गांगुली के 50वें जन्मदिन पर अगर हम बात करें, उनके ऐसे 5 बड़े फैसलों के बारे में जिसे देख पूरी दुनिया हैरान रह गई, तो वो इस प्रकार हैं-
साथी खिलाड़ी को भगाया दूर
साल 2002 में जिम्बाब्वे की टीम भारतीय दौरे पर थी. विपक्षी टीम को फरीदाबाद में जीत के लिए 275 रनों का लक्ष्य मिला था. विपक्षी टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज डगलस मरेलियर जबर्दस्त फॉर्म में थे. मेहमान टीम को जीत के लिए आखिरी 4 गेंदों में 5 रनों की जरूरत थी और एक विकेट शेष था. इस बीच ड्रेसिंग रूम से रणनीति के तहत पमेलो बंगवा पानी लेकर मैदान में आए. उन्होंने खिलाड़ियों को पानी देने के बजाय पहले बातचीत करनी शुरू कर दी. इस पर गांगुली खफा हो गए और उन्होंने मैदान में बल्लेबाजी कर रहे उन दोनों बल्लेबाजों से दूर खड़ा कर दिया.
अर्नाल्ड को पूरे मैच में करते रहे परेशान
साल 2002 में चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच खेला जा रहा था. इस मुकाबले में विपक्षी टीम के खिलाड़ी रसेल अर्नाल्ड एक लेट कट लगाने के बाद विकेट के बीच में दौड़ने लगे. अर्नोल्ड के इस हरकत को देख विकेटकीपर खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने अंपायर से तुरंत शिकायत कराई की. लेकिन अंपायर से पहले गांगुली अर्नाल्ड के इस हरकत से काफी खफा हो गए थे. इस दौरान दोनों खिलाड़ियों के बीच काफी गहमागहमी हुई. बात ज्यादा बढ़ती उससे पहले ही मैदानी अंपायरों ने हस्तक्षेप करते हुए मामले को सुलझा दिया. लेकिन पूरे मैच के दौरान गांगुली ने अर्नोल्ड का पीछा नहीं छोड़ा और उनसे बात करते रहे.
लॉर्ड्स में शर्ट निकालकर मनाया जश्न
नेटवेस्ट सीरीज का फाइनल मुकाबला ऐतिहासिक क्रिकेट ग्राउंड लॉर्ड्स में खेला जा रहा था. इस मुकाबले में जैसे ही भारतीय टीम ने 2 विकेट से मुकाबला अपने नाम किया गांगुली ने अपनी जर्सी उतारकर हवा में लहराते हुए जीत का जश्न मनाया. क्रिकेट इतिहास में गांगुली के इस सेलिब्रेशन स्टाइल को कोई नहीं भूल सकता है. पूर्व भारतीय कप्तान का इस बारे में कहना है कि वह ऐसा नहीं करना चाहते थे, लेकिन इंग्लिश टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने भारतीय दौरे पर जिस तरह से जर्सी उतारकर जश्न मनाया था, वह बस उनका जवाब देना चाहते थे.
समय का ख्याल रखो मेरे दोस्त
पाकिस्तान साल 2005 में भारतीय दौरे पर थी. इस दौरान एक मुकाबले में विपक्षी टीम के अनुभवी बल्लेबाज मोहम्मद यूसुफ अपनी कोहनी घायल कर बैठे. यूसुफ की कोहनी से काफी खून बह रहा था. ऐसे में खेल कुछ देर रूका रहा. खेल के रूके होने की वजह से उन्होंने यूसुफ से बात करते हुए कहा, मैं यह नहीं कह रहा कि आप जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं. आपको आराम करना है, तो कर लो लेकिन मुझे फाइन ना भरना पड़े. आप अपना समय नोट कर लीजिए.
टॉस के लिए ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को कराया इंतजार
साल 2001 में ऑस्ट्रेलियाई टीम भारतीय दौरे पर थी. यहां एक मुकाबले में टॉस के लिए उस समय के विपक्षी कप्तान स्टीव वॉ को गांगुली ने इंतजार कराया था. दरअसल वॉ टॉस के लिए मैदान में काफी पहले आ चूके थे, जबकि गांगुली कुछ देर बाद मैदान में आए. गांगुली ने बाद में खुद इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने मैदान में देर से आने की गलती जानबूझकर की थी. वह ऑस्ट्रेलियाई टीम को सबक सिखाना चाहते थे. गांगुली के अनुसार उस समय के ऑस्ट्रेलियाई कोच जॉन बुकानन ने भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ के साथ अशिष्टता से बात की थी. इसी का बदला लेने के लिए उन्होंने यह काम किया था.
बता दें गांगुली ने भारतीय टीम के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में 424 मैच खेलते हुए 18575 रन बनाए हैं. इसके अलावा उन्होंने इतने ही मुकाबलों में 132 विकेट भी चटकाए हैं. गांगुली ने टेस्ट क्रिकेट में 113 मैच खेलते हुए 188 पारियों में 42.2 की औसत से 7212 और वनडे में 311 मैच खेलते हुए 300 पारियों में 41.0 की औसत से 11363 रन बनाए हैं. इसके अलावा उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में 32 और वनडे में 100 विकेट दर्ज है.