1. नागार्जुन
नागार्जुन साउथ सिनेमा के प्रतिष्ठित अभिनेताओं में गिने जाते हैं. उन्होंने अपनी फिल्मों द्वारा प्रशंसकों का खूब प्यार बटोरा है लेकिन उन्हें पसंद करने की एक और वजह भी है. नागार्जुन ने हाल ही में हैदराबाद वारंगल राजमार्ग पर स्थित उप्पल-मेडिपल्ली क्षेत्र के चेंगिचेरला वन ब्लॉक में 1080 एकड़ का जंगल गोद ली है. ये नेक काम उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के जन्मदिन के अवसर पर किया. नागार्जुन ने जंगल गोद लेने के अलावा जंगल के विकास के लिए 2 करोड़ रुपये का भी दान दिया है.
2. विशाल
विशाल की बहुत सी साउथ इंडियन फिल्मों के हिंदी डब ने लोगों को अपना दीवाना बनाया है. उनका एक्शन जितना कमाल का है उतना ही दयालु है उनका स्वभाव. दरअसल दिवंगत अभिनेता पुनीत राजकुमार ने कई गौशाला, अनाथाल्य और 1800 बच्चों की मुफ्त शिक्षा का जिम्मा उठाया था लेकिन इन बच्चों का भविष्य तब अंधकार में दिखने लगा जब अचानक ही पुनीत राजकुमार इस दुनिया को अलविदा कह गए. उनके बाद ये विशाल ही थे जिन्होंने इन 1800 बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाने का फैसला लिया था.
3. महेश बाबू
महेश बाबू साउथ सिनेमा के सबसे स्मार्ट हीरो माने जाते हैं. जितने स्मार्ट वो खुद हैं उतना ही सुंदर है उनका मन. इस बात का प्रमाण ये है कि महेश बाबू ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के दो गांव गोद ले रखे हैं. उन्होंने तेलंगाना के सिद्धापुरम और हैदराबाद के बुर्रीपालेम नामक दो गांवों को गोद लिया है. इन जनसंख्या लगभग 2069 और 3306 है.
4. अल्लु अर्जुन
पुष्पा द राइज 1 के बाद पूरे भारत में धूम मचाने वाले साउथ अभिनेता अल्लु अर्जुन की बहुत सी खास बातों में एक सबसे खास बात ये है कि वह एक बेहतरीन अभिनेता होने के साथ साथ एक बेहतरीन इंसान भी हैं. उनके अंदर की इंसानियत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एक तरफ जहां अपने जन्मदिन पर सितारे पार्टियां करते हैं वहीं इसके विपरीत अल्लू अर्जुन अपने जन्मदिन पर अधिक से अधिक समय मानसिक रूप से बीमार बच्चों के साथ बिताते हैं तथा इस दिन खून दान भी करते हैं.
5. पुनीत राजकुमार
भले ही पुनीत राजकुमार आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन्होंने अपने अभिनय के साथ साथ अपने नेक कामों द्वारा लोगों के दिलों में ऐसी जगह बनाई है कि उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. अपने जिंदा रहते पुनीत ने 1800 गरीब बच्चों की शिक्षा का जिम्मा उठाया था. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना काल में 50 लाख का दान भी किया था. पुनीत राज कुमार ने जिंदा रहते तो नेक काम किये ही, दुनिया से जाने के बाद भी वो कुछ लोगों की ज़िंदगी रौशन कर गए. दरअसल उन्होंने अपने जीवनकाल में ही अपने नेत्रदान कर दिए थे. उनके देहांत के उनके इस कदम से कुछ लोगों के अंधेरे जीवन में रौशनी आ गई.