उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच दशकों से चली आ रही दुश्मनी आज भी जारी है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन लगातार सैन्य ताकत बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण कर सकता है। इस बीच दक्षिण कोरिया ने भी अपने दुश्मन से निपटने के लिए रक्षात्मक तैयारियों को बढ़ा दिया है।
दक्षिण कोरिया अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए स्टील्थ ड्रोन बनाने पर काम कर रहा है। इसके लिए दक्षिण कोरिया की एजेंसी फॉर डिफेंस डेवलपमेंट ने कंपनी का भी चुनाव कर लिया है। दक्षिण कोरियाई वायु सेना के लिए मल्टीरोल ड्रोन के स्क्वाड्रन को डेवलप करने की जिम्मेदारी कोरियन एयर को सौंपी गई है। कोरियन एयर दक्षिण कोरिया का अर्ध सरकारी विमानन कंपनी है। नया ड्रोन स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस रहने वाला है, जिसे किसी लड़ाकू विमान के साथ भी तैनात किया जा सकेगा। इस ड्रोन को खासतौर पर उत्तर कोरिया की बढ़ती आक्रामकता को रोकने के लिए विकसित किया जा रहा है। दक्षिण कोरिया ने हाल में ही अपने स्वदेशी लड़ाकू विमान KF-21 Boramae की पहली उड़ान आयोजित की थी। इसे दक्षिण कोरियाई डिफेंस इंडस्ट्रीज के लिए लंबी छलांग बताया गया था।
लड़ाकू विमानों संग उड़ान भरेगा दक्षिण कोरिया का स्टील्थ ड्रोन
दक्षिण कोरियाई सरकार के साथ डील फाइलन होने के बाद कोरियन एयर ने भी बयान जारी कर अपने फ्यूचरिस्टिक ड्रोन के बारे में अहम जानकारी दी है। कोरियन एयर ने कहा कि वह एक ऐसा सिस्टम विकसित करेगा, जिससे एक साथ तीन से चार ड्रोन किसी लड़ाकू विमान सपोर्ट और एस्कॉर्ट कर सकेंगे। इतना ही नहीं, ये ड्रोन टोही, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर, सटीक हमला करने के ऑपरेशन सहित अपने खुद के मिशनों को अंजाम देने में सक्षम होंगे। इससे दक्षिण कोरियाई वायु सेना की सैन्य शक्ति में जबरदस्त इजाफा होगा। इतना ही नहीं, दक्षिण कोरियाई वायु सेना के लड़ाकू विमान दुश्मन के क्षेत्र में अंदर तक घुसकर हमला करने में सक्षम होंगे।
स्टील्थ ड्रोन पर एक साल से काम कर रहा था दक्षिण कोरिया
इस अनमैंड एयर सिस्टम का मूल डिजाइन पहले ही तैयार हो चुका है। इसके लिए काम पिछले साल ही शुरू कर दिया गया था। अब एजेंसी फॉर डिफेंस डेवलपमेंट कोरियाई वायु के साथ विस्तृत डिजाइन पर काम करने की योजना बना रही है। कोरियन एयर एक दशक से अधिक समय से ड्रोन का डिजाइन और निर्माण और परीक्षण उड़ानों का संचालन कर रहा है। कोरियन एयर स्टील्थ एयरकाफ्ट टेक्नोलॉजी पर भी लंबे समय से काम कर रहा है। ऐसे में दक्षिण कोरिया को पूरी उम्मीद है कि कोरियन एयर उसकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। एजेंसी फॉर डिफेंस डेवलपमेंट ने पहले भी कोरियन एयर के साथ स्टील्थ यूएवी प्रोग्राम पर 2019 से 2021 तक काम कर चुका है।
ऑस्ट्रेलिया के लॉयल विंगमैंन से प्रेरित है यह स्टील्थ ड्रोन
बताया जा रहा है कि दक्षिण कोरिया का यह कॉन्सेप्ट ऑस्ट्रेलिया के लॉयल विंगमैंन प्रोग्राम से काफी प्रेरित है। लॉयल विंगमैंन प्रोग्राम के जरिए बोइंग डिफेंस ऑस्ट्रेलिया और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना एक साथ मिलकर एक घातक ड्रोन विकसित कर रहे हैं। इसके तहत MQ-28A घोस्ट बैट नाम का ऑटोनोमस ड्रोन का निर्माण भी किया गया है। यह ड्रोन आकार में किसी लड़ाकू विमान जितना बड़ा है। इस ड्रोन को भी दूसरे लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर मिशन को अंजाम देने योग्य बनाया गया है। आकार में बड़ा होने के कारण इसकी पेलोड क्षमता भी काफी ज्यादा है। जिससे वह बड़ी संख्या में हथियारों से लैस होकर उड़ान भर सकता है।