स्पेस टूरिज्म को बढ़ाना देने के लिए इसरो ने एक खास प्लान किया है, जिसके मुताबिक 2030 तक अंतरिक्ष की सैर संभव हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रमुख एस. सोमनाथ ने बताया कि भारत अपने स्वयं के स्पेस टूरिज्म मॉड्यूल पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. सोमनाथ ने कहा, ‘साल 2030 तक अंतरिक्ष की सैर की जा सकती है जिसके लिए प्रति व्यक्ति 6 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.’
2030 तक अंतरिक्ष की सैर की जा सकती है?
इससे पहले केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष डॉ. जितेंद्र सिंह ने फरवरी में राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में कहा कि इसरो ने भारत के उप-कक्षीय अंतरिक्ष पर्यटन के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि गगनयान के माध्यम से भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम में ISRO विभिन्न प्रौद्योगिकियों के विकास में लगा हुआ है.
एक व्यक्ति को खर्च करने होंगे 6 करोड़ रुपये
गौरतलब है कि स्पेस टूरिज्म नया नहीं है. एयरोस्पेस इंजीनियर डेनिस टिटो 2001 में स्पेस टूरिज्म के लिए भुगतान करने वाले पहले अंतरिक्ष पर्यटक बने थे. इसके बाद से ही अमेरिका, चीन और जापान जैसे देश इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. अब इन देशों की लिस्ट में भारत का नाम जुड़ गया है. उम्मीद है आने वाले दिनों में यह आसान होगा.