Sanjay Raut: कभी नारायण शिवसेना के फायर ब्रांड नेता थे, बालासाहेब ने उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया था। लेकिन बाद हालात ऐसे बिगड़े की राणे को शिवसेना छोड़नी पड़ी। आज उद्धव ठाकरे गुट और नारायण राणे एक दूसरे के परस्पर विरोधी माने जाते हैं। राउत और ठाकरे परिवार पर हमले के राणे एक भी मौका नहीं छोड़ते हैं।
मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray) और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा एक दूसरे पर अक्सर आरोप-प्रत्यारोप किए जाते हैं।दोनों ही तरफ से एक दूसरे के ऊपर गंभीर और शब्दों की मर्यादा तोड़ने वाले बयान आपने कई बार सुने और देखे होंगे। नारायण राणे और उनके बेटे नितेश राणे, उद्धव ठाकरे और उनके गुट पर अक्सर निशाना साधते रहते हैं। दूसरी तरफ उद्धव गुट की तरफ से संजय राउत भी उन पर पलटवार करते रहते हैं। इसी कड़ी में रविवार को नारायण राणे (Narayan Rane) ने उद्धव गुट पर जमकर निशाना साधा है। राणे ने यह दावा भी किया कि दिवंगत बालासाहेब ठाकरे (Bala saheb Thackeray) के कहने पर उन्होंने संजय राउत को सांसद बनवाया था। जबकि उद्धव ठाकरे राउत के खिलाफ किसी और उम्मीदवार को लेकर पार्टी के दूसरे कार्यालय शिवालय में बैठे हुए थे। राणे ने कहा कि आज संजय राउत मुझे आंख दिखाता है। अगर तुम संपादक हो तो कुछ अच्छा लिखो। राणे ने कहा कि संजय राउत (Sanjay Raut) को सांसद बनाना यह मेरे द्वारा किया गया एक पाप है।
संजय राउत को सांसद बनाने का किस्सा
नारायण राणे ने कहा, ‘ जब बालासाहेब जिंदा थे तब उन्होंने मुझे एक बार बुलाया, मैं ऊपर साहेब के पास गया। उनको नमस्कार किया, तब उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा। मैंने उनसे पूछा साहब आपने मुझे क्यों बुलाया है। उस समय संजय राउत वहां मौजूद था। जिस पर उन्होंने कहा कि नारायण, यह संजय राउत है इसे सांसद बनाना है। कल फॉर्म भरना है। इसे लेकर जाओ और सांसद बनाओ। मैंने अपने जीवन में कभी साहेब को न नहीं बोला था, मैंने कहा हां सर करता हूं। उस समय मैं विधानमंडल में नेता प्रतिपक्ष था। दूसरे दिन मैंने संजय राउत को विधान भवन में अपने ऑफिस में डाक्यूमेंट्स लेकर आने को कहा। मैंने संजय राउत से कहा कि डाक्यूमेंट्स दिखाओ। उस समय मेरे साथ गजानन कीर्तिकर आदि कई लोग मौजूद थे। उसी समय पास में ही शिवसेना के दूसरे ऑफिस शिवालय में उद्धव ठाकरे ने संजय राउत के खिलाफ एक अन्य नेता को वहां बैठाया था।
गजानन कीर्तिकर और अन्य नेताओं को उद्धव की तरफ से यह बोला गया कि मेरे साथ जो नेता बैठे हैं। उनका फॉर्म सांसद के लिए भरो। राणे ने कहा कि मैं अभी उस नेता का नाम नहीं बताऊंगा लेकिन मैंने बालासाहेब ठाकरे को जबान दी थी कि संजय राउत को सांसद बनाएंगे। राणे ने कहा कि पत्रकार भाइयों ध्यान दो कि यह संजय राउत सांसद बनने के लिए निकला था लेकिन इलेक्शन की लिस्ट में इसका कहीं भी नाम नहीं था। मैंने उससे कहा कि इलेक्शन के लिस्ट में तुम्हारा नाम नहीं है। सबसे पहले लिस्ट का जेरोक्स देना पड़ता है। जिस पर संजय ने कहा हां सर मेरा नाम नहीं है। जिसे मैंने संजय राउत को कहा कि कोई बात नहीं, फॉर्म भरो राउत ने फॉर्म भरा और सबमिट किया। दूसरे दिन सभी फॉर्म्स की स्क्रूटनी होनी थी। अगले दिन मैं संजय राउत के साथ वहां गया जहां पर स्क्रूटनी चल रही थी। उस समय कांग्रेस के रोहित दास पाटिल ने इस फॉर्म पर ऑब्जेक्शन उठाया था।
मैं रोहित दास को दास जी कहता था, मैंने उनसे रिक्वेस्ट किया और कहा कि यह मेरा आदमी है, आप कृपया बैठ जाएं। जिस पर उन्होंने मेरे शब्दों का मान रखा और बैठ गए। इस तरह से स्क्रूटनी की प्रक्रिया हमने पार की और बाद में संजय राउत को सांसद बनाया। संजय राउत की जीत के लिए मैंने पैसे खर्च किए और तब जाकर यह सांसद बना। मैंने कितने रुपये खर्च किये थे यह मैं आज नहीं बताऊंगा। इतना खर्चा किया, उपकार किया, इसको सांसद बनाया और आज यह मेरे ऊपर ही टिप्पणी कर रहा है।
संजय राउत बाहर रहने के काबिल नहीं है
नारायण राणे ने कहा कि संजय राउत अब बाहर रहने के काबिल नहीं है उसे जेल में ही जाना चाहिए। उसने सब हेराफेरी की है और बहुत जल्द अब वह दोबारा जेल जाएगा। राणे ने कहा कि संजय राउत तुम जहां बोलोगे मैं वहां आऊंगा। शिवसेना को गांव-गांव, शहर-शहर पहुंचाने वाला व्यक्ति मैं हूं। अब उस तरह के शिवसैनिक नहीं रहे। शिवसेना के लिए लोगों ने खुद पर कितने मुकदमे लिए। उस समय के शिवसैनिकों में से किसी भी पर तीस से कम मामले नहीं थे।
शिवसेना बनाने में मेरा योगदान, तुम्हारा क्या?
नारायण राणे ने संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग मेरे ऊपर टिप्पणी करते हैं कि आकर दिखाओ, जाकर दिखाओ, करके दिखाओ। शिवसेना में मैंने 39 साल काम किया है। किसी पद की लालसा या उसे भोगने के लिए नहीं आया था। शिवसेना बढ़ाने में मेरा योगदान है यह बात दिवंगत बालासाहेब ठाकरे जानते हैं जानते थे, उद्धव ठाकरे को पता नहीं होगा क्योंकि तब वो शिवसेना का काम ही नहीं करते थे। नारायण राणे ने कहा कि मेरे समय में जितने भी शिवसैनिक थे। हम सभी लोगों ने वाकई में काफी मेहनत की थी और कष्ट भी सहे थे। आज के समय में शिवसैनिक आरामदायक और सुखी जीवन जी रहे हैं।
उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए नारायण राणे ने सवाल किया कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के लिए क्या किया? शिवसेना को बढ़ाने के लिए वह किन-किन जिलों में गए, किन-किन शिवसैनिकों से मिले, किन शिवसैनिकों का दुख-दर्द पूछा? उनके आंसू पोछे, या उनके लिए कुछ सार्थक काम किया या किसी को नौकरी दी। उद्धव ठाकरे एक उदाहरण तो पेश करें, वरना मैं उनके सामने उदाहरण रखता हूं। नारायण राणे ने कहा कि राज्य में सुखा हो, संकट हो या फिर दंगे का माहौल हो या कुछ और सभी जगहों पर नारायण राणे ही शिवसेना की तरफ से पहुंचा। उस समय यह संजय राउत भी नहीं था।
शिवसेना की क्या हालत हो गईं?
नारायण राणे ने कहा कि लोग दिनदहाड़े एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना छोड़ कर चले जाते हैं और खुली आंखों से शिवसैनिक देखते रहते हैं। उद्धव ठाकरे रोते हैं तो यह लोग रोने लगते हैं। शिवसेना कभी रोने वाले लोगों की पार्टी नहीं थी। राणे ने कहा कि उद्धव ठाकरे पार्टी छोड़ने वालों को बागी और खोखे लेने वाले कहते हैं। तुम लोगों ने भी तो खोखे लिए हैं, उसे कब जनता को बताओगे। हम क्या पुष्पगुच्छ लेकर मातोश्री जाते थे। उद्धव ठाकरे जिस दिन बोलेंगे उस दिन मैं भी बोलूंगा। हमने क्या-क्या पहुंचाया, कौन-कौन से फ्लोर पर पहुंचाया, बोलने के लिए मजबूर मत करो, मैं उम्र के पन्द्रहवें साल से शिवसेना में था।