नई दिल्लीः स्पाइसजेट के हैदराबाद से दिल्ली आए विमान से उतरे कई यात्री शनिवार रात हवाईअड्डे की सड़क पर पैदल चलने लगे. क्योंकि एअरलाइन उन्हें टर्मिनल तक ले जाने के लिए करीब 45 मिनट तक कोई बस नहीं उपलब्ध करा पाई. सूत्रों ने रविवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय डीजीसीए इस घटना की जांच कर रहा है.
बहरहाल, स्पाइसजेट ने कहा है कि बसों के आने में थोड़ी देरी हुई लेकिन उनके आने के बाद सभी यात्रियों को टर्मिनल भवन तक ले जाया गया, जिनमें वे यात्री भी शामिल थे जो हवाईअड्डे की सड़क पर पैदल चलने लगे थे. एयरलाइन कंपनी ने अपने बयान में कहा, ’हमारे कर्मचारियों के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कुछ यात्री टर्मिनल की ओर चलने लगे. वे कुछ मीटर ही चले होंगे कि तभी बसें आ गईं. उनके समेत सभी यात्रियों को बसों से टर्मिनल इमारत तक ले जाया गया.’
आपको बता दें कि यात्रियों को हवाईअड्डे के रनवे क्षेत्र की सड़क पर चलने की अनुमति नहीं होती है, क्योंकि इससे सुरक्षा खतरा पैदा हो सकता है. रनवे की सड़क केवल वाहनों के लिए चिह्नित मार्ग होती है. एअरलाइंस कपनियां इसलिए यात्रियों को विमान से टर्मिनल तक ले जाने या टर्मिनल से विमान तक लाने के लिए बसों का इस्तेमाल करती हैं. अभी स्पाइसजेट डीजीसीए के आदेशों के अनुसार अपनी 50 प्रतिशत से अधिक उड़ानों का संचालन नहीं कर रहा है.
डीजीसीए ने जुलाई में उसकी उड़ानों पर 8 हफ्तों का प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि 19 जून से 5 जुलाई तक उसके विमानों में तकनीकी खामियों की कम से कम 8 घटनाएं हुई थीं. इसका संज्ञान लेते हुए डीजीसीए ने स्पाइसजेट से स्पष्टीकरण मांगा था. फिर बाद में स्पाइसजेट को अपनी 50 प्रतिशत उड़ानों को 8 हफ्ते के लिए सस्पेंड करने के लिए कहा गया था. स्पाइसजेट ने इस बारे में डीजीसीए को दिए जवाब में कहा था कि विमानन क्षेत्र में ऐसी घटनाएं आम हैं. विदेशी उड़ानों के साथ भी ऐसी दिक्कतें आती रहती हैं.