बल्ह में प्रस्तावित एयरपोर्ट के कारण पड़ने वाले सामाजिक प्रभाव का आंकलन करने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त की एसआर एशिया कंपनी ने बल्ह के स्थान पर जाहू में एयरपोर्ट बनाने की सिफारिश की है। एसआर एशिया कंपनी की 231 पन्नों की इस रिपोर्ट को बल्ह बचाओ संघर्ष मोर्चा ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में प्रस्तुत किया।
मोर्चा के अध्यक्ष जोगिंद्र वालिया ने बताया कि बल्ह में सबसे अधिक उपजाऊ भूमि है। यदि यहां एयरपोर्ट बनता है तो इसमें 80 प्रतिशत निजी उपजाऊ भूमि पूरी तरह से तबाह हो जाएगी, जबकि जाहू में 80 प्रतिशत सरकारी भूमि जद में आएगी। उन्होंने कहा कि जो बातें बल्ह के किसान कह रहे थे उन बातों पर अब सर्वे करने वाली कंपनी ने भी अपनी मुहर लगा दी है। सर्वे में स्पष्ट कहा गया है कि बल्ह की उपजाऊ भूमि के स्थान पर एयरपोर्ट का निर्माण जाहू में किया जाए।
जोगिंदर वालिया ने बताया कि कुछ रिपोर्ट में आ रहा है कि बल्ह के अधिकतर किसान एयरपोर्ट निर्माण के लिए अपनी भूमि देने के लिए तैयार हैं जबकि ऐसी रिपोर्ट तथ्यों से परे है। बल्ह के किसान किसी भी सूरत में एयरपोर्ट के लिए भूमि नहीं देना चाहते। इसके बदले में उन्हें कहीं पर भी ऐसी उपजाऊ भूमि नहीं मिलेगी।
वहीं, यहां एयरपोर्ट बन जाने के बाद आसपास के इलाकों में किसी भी तरह के निर्माण के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से अनुमति लेनी पड़ेगी, जिससे यहां के लोगों की परेशानियां और ज्यादा बढ़ जाएंगी।