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श्रीलंका में राजनीतिक संकट अपने चरम पर पहुंच गया है.
आर्थिक बदहाली और पिछले कुछ महीनों के राजनीतिक गतिरोध से परेशान लोग शनिवार की सुबह हजारों लोग पहले राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के घर में घुस गए.
और फिर देर शाम प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के घर में आग लगा दी.
शनिवार की सुबह हजारों प्रदर्शनकारी कोलंबो में जमा हो गए.
प्रदर्शनकारी मार्च करते हुए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के घर में घुसे और उसे कब्जे में लिया.
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सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
इस बीच पुलिस और सेना के जवानों से उनकी झड़प भी हुई.
पुलिस ने उन्हें बैरिकेड, पानी की बौछारों और आंसू गैस से रोकना चाहा.
लेकिन प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति के आवास में घुसने में सफल रहे.
इस बीच राष्ट्रपति अपना आवास छोड़ कर निकल चुके थे.
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फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग
राष्ट्रपति भवन में घुसने के बाद प्रदर्शनकारियों ने फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग शुरू कर दी थी.
हजारों लोग राष्ट्रपति भवनों के कमरों में घुस गए और वहां रखी कुर्सियों और मेजों पर उछलने लगे.
कुछ लोग वहां मौजूद राष्ट्रपति के बिस्तर पर भी कूद रहे थे.
कुछ लोग स्वीमिंग पूल में कूद पड़े और नहाने लगे. वे नारे लगा रहे थे- गो गोटा, गो…
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रनिल विक्रमसिंघे के घर हल्लाबोल
बीबीसी के सहयोगी रंजन अरुण प्रसाद ने श्रीलंका में प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे के घर से ग्राउंड रिपोर्ट भेजी है जिसके मुताबिक़, प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे के निजी आवास को प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी.
पीएम का यह निजी आवास कोलंबो 7 इलाक़े में है. ये शहर के सबसे हाई प्रोफ़ाइल रिहायशी इलाक़ों में से एक है.
बताया जा रहा है रनिल विक्रमसिंघे, उनकी पत्नी और बच्चे शुक्रवार शाम तक इसी घर में मौजूद थे.
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लेकिन शाम के बाद उनके परिवार और स्टाफ़ के सदस्यों को एक सुरक्षित जगह लेते जाया गया. घर के अंदर कोई भी नहीं था.
घर पूरी तरह से जलकर ख़ाक हो चुका है और अंदर का सामान भी राख हो गया है.
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रानिल विक्रमसिंघे के कोलंबो स्थित आवास को सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने घेर रखा था.
क़रीब जाकर देखने पर घर के अंदर एक बीएमडब्ल्यू कार और कुछ अन्य वाहन दिखाई दे रहे हैं.
इन वाहनों को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया.
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रानिल विक्रमसिंघे का घर जिसे इलाके में है वहां पुलिस बल और सैनिकों की तैनाती उतनी नहीं थी.
हालांकि पीएम के घर को आग लगाए जाने के दौरान और उसके बाद वे वहां थे, लेकिन उन्होंने भीड़ को क़ाबू करने की कोशिश नहीं की.
लोगों ने बैरिकेड तोड़ दिए और घर में आग लगा दी. लोग पुलिस और सैनिकों की परवाह किए बगैर आगे बढ़ रहे थे.
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‘संगठित भीड़ नहीं थी’
दोपहर में जब भीड़ राष्ट्रपति भवन में दाखिल हुई तो यह कोई संगठित भीड़ नहीं थी. वे बिना किसी नियंत्रण के भवन के अंदर दाख़िल हो गए.
इस दौरान कुछ लोगों ने राष्ट्रपति भवन के अंदर चीज़ों को नुक़सान भी पहुँचाया और तोड़फोड़ भी की.
हालांकि प्रदर्शन कर रहे कुछ समूह बक़ायदा अपने नेतृत्वकर्ता के साथ प्रदर्शन करने पहुँचे थे.
जिनमें बौद्ध भिक्षु, ईसाई मिशनरियों के नेता, यूनिवर्सिटी के छात्र भी शामिल थे.
इन लोगों ने अनुचित तरीक़े से भवन में घुसने वालों और वहाँ की चीज़ों को नुक़सान पहुँचाने वालों को समझाने की भी कोशिश की.
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कई महीनों से भारी आर्थिक संकट
श्रीलंका में पिछले कई महीनों से भारी आर्थिक संकट चल रहा है.
देश में जरूरी सामान के आयात के लिए विदेशी मुद्रा लगभग खत्म हो चुकी है.
पेट्रोल की जबरदस्त राशनिंग हो रही है. गैस और खाने-पीने की चीजों के साथ दवाओं की भी भारी किल्लत है.
लोग पिछले कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे.
आखिर नाराज होकर लोगों शनिवार को राष्ट्रपति भवन पर ही धावा बोल दिया.