श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट बदतर होता जा रहा है. आम लोग भोजन और अन्य बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. देशभर में बिजली के ब्लैकआउट आम हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि ये देश दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुका है. ईंधन की कमी के चलते पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग रही हैं. स्थिति को काबू में रखने के लिए अब पेट्रोल पंपों पर सेना को तैनात करना पड़ रहा है.
श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री गामिनी लोकुगे ने मीडिया को बताया से कहा, ‘हमने पेट्रोल पंपों पर सेना को तैनात करने का फैसला लिया है ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके. अब सेना के जवान सुनिश्चित करेंगे कि ईंधन का वितरण किस तरह से किया जाए. गौरतलब हो कि इससे पहले श्रीलंका में एक महीने में 15 फीसदी वृद्धि की महंगाई दर्ज की गई थी. लोगों को 100 ग्राम मिर्च के लिए 71 रुपये तक देने पड़े.
इसी तरह 1 किलो दूध के लिए लोगों को 200 रुपए किलो चुकाने पड़े. श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार में भी नवंबर के अंत तक 1.6 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी. इसके बाद जो बचता है उससे महज कुछ हफ्तों के आयात का भुगतान ही संभव था. आर्थिक संकट से निकलने के लिए श्रीलंका सरकार ने भारत से मदद मांगी थी. जिसके बाद भारत सरकार ने एक अरब डॉलर का कर्जा दिया था.