कोलंबो. श्रीलंका के पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे को सोमवार शाम दुबई जाने वाली फ्लाइट में बैठने से रोक दिया गया. इस घटना की जानकारी स्थानीय मीडिया ने दी. बता दें कि बेसिल राजपक्षे, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सबसे छोटे भाई हैं. डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, बेसिल ने कथित तौर पर देश में चल रहे आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका छोड़ने का प्रयास किया, लेकिन हवाई अड्डे के अधिकारियों ने यात्रियों के विरोध के बाद उन्हें देश छोड़ने से मना कर दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों के मना करने पर, बेसिल को वापस लौटना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजपक्षे ने भंडारनायके इंटरनेशनल एयरपोर्ट के सिल्क रूट लाउंज से निकलने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान कुछ यात्रियों ने उन्हें देख लिया. इसके बाद लोगों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि राजपक्षे को आज सुबह अमीरात की फ्लाइट से दुबई होते हुए वॉशिंगटन के लिए रवाना होना था.
यह घटनाक्रम संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दना द्वारा स्पष्ट किए जाने के एक दिन बाद आया है कि गोटबाया राजपक्षेअभी भी देश में हैं. श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दना के कार्यालय ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अभी देश में ही हैं. इस तरह उन्होंने राष्ट्रपति के संभवत: देश छोड़कर चले जाने की खबरों का खंडन किया. राजपक्षे (73) ने अभी औपचारिक रूप से इस्तीफा नहीं दिया है और वह कहां हैं, इसका पता नहीं चल पाया है. हालांकि, राष्ट्रपति सचिवालय राजपक्षे के आधिकारिक आवास छोड़कर चले के बाद भी उनकी तरफ से बयान जारी कर रहा है. शनिवार को हजारों लोग राष्ट्रपति के सरकारी आवास में घुस गये थे. अभयवर्दना के कार्यालय ने कहा कि वह देश छोड़कर नहीं गये हैं, जैसा कि मीडिया में अटकलें लगायी जा रही हैं.
उनके कार्यालय ने कहा, ‘‘ऐसी अटकलें तब लगायी गयीं, जब संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्दना ने गलती से कह दिया था कि वह (राजपक्षे) देश से चले गये हैं, लेकिन अपना इस्तीफा देने के लिए वह बुधवार को लौट आएंगे. अभयवर्दना ने बाद में अपनी गलती सुधारी.’’ राजपक्षे ने शनिवार को संसद के अध्यक्ष को सूचित किया था कि वह 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे. सूत्रों के अनुसार, अटकलें हैं कि राजपक्षे नौसेना के किसी केंद्र में समय बिता रहे हैं. दो करोड़ 20 लाख की जनसंख्या वाला श्रीलंका अप्रत्याशित आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. लाखों लोग भोजन, दवाइयां, ईंधन एवं अन्य जरूरी चीजें खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.